- देश में हो रहीं मौत की कैंसर दूसरी सबसे बड़ी वजह

-लाइफ स्टाइल, पेस्टीसाइट और पॉल्यूशन भी बड़ा कारण

 

Meerut : उप्र में कैंसर की वजह से सर्वाधिक मौत हो रही है। ओंकोलॉजिस्ट डॉ। मीनू वालिया ने लोकसभा में जारी आंकड़ों के हवाले बताया कि वर्ष 2014 में 82,121 लोगों की कैंसर से मौत हुई। कैंसर की भयावहता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश के हो रही मौत की दूसरी बड़ी वजह है। देश में हृदय रोग से सर्वाधिक मौत होती है। विशेषज्ञों को आने वाले महीनों में कैंसर के कारण मरने वालों की संख्या में वृद्धि की आशंका है।

 

आंकड़े बयां करते हैं कहानी

-इंडिया में माउथ कैंसर के रोगियों की संख्या विश्व में नंबर वन है।

-पित्त की थैली में कैंसर के सर्वाधिक रोगी विश्व में भारत में हैं।

-80 फीसदी कैंसर रोगी की पहचान भारत में थर्ड और फोर्थ स्टेज में होती है।

-देश में 50 फीसदी कैंसर का कारण लाइफ स्टाइल है।

-कैंसर के दस लाख मरीज मौजूदा समय में।

-हर साल कैंसर के लगभग 10 लाख 23 हजार नए मामले दर्ज।

-भारत में पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं कैंसर पीडि़त।

 

सर्वाधिक मौत यूपी में

ओंकोलॉजिस्ट डॉ। मीनू वालिया ने लोकसभा में जारी आंकड़ों के हवाले बताया कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य, उत्तर प्रदेश में 2014 में कैंसर के सबसे अधिक मामले होने का अनुमान है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है और उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि यूपी और महाराष्ट्र के बीच लगभग दोगुना कैंसर रोगियों की संख्या का अंतर है।

 

अधिक हो सकती है संख्या

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज के मेडिकल ओंकोलॉजी एवं हीमैटोलॉजी की निदेशक डॉ। मीनू वालिया ने बुधवार को मेरठ में जानकारी साझा करते हुए कहा कि कैंसर के रोगियों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है। अभी कोई भी केंद्र राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री से जुड़ा हुआ नहीं है। उत्तर प्रदेश में कैंसर के रोगियों का मूल्यांकन देश में अन्य केंद्रों पर रिपोर्ट करने वाले रोगियों से किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में ही हम हर महीने कैंसर के लगभग 25 से 30 रोगियों को देखते हैं। मैक्स हॉस्पिटल मेरठ एवं आसपास के इलाकों में फ्री कैंसर चेकअप अभियान चलाने जा रहा है। स्वास्थ्य कार्ड से रियायती दर पर कैंसर की जांच भी उपलब्ध होगी।

 

इस तरह हो जाता है भयानक

-कैंसर की देर से पहचान होने से।

-कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से।

-इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाने से।

 

स्तन कैंसर गंभीर रोग

गर्भाशय ग्रीवा, पित्ताशय, मुंह और ग्रसनी के कैंसर की दर दुनिया में सबसे अधिक है। स्तन कैंसर भारत में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। कैंसर के मामलों में इस वृद्धि के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं।

 

कैंसर के कारण

-तंबाकू का इस्तेमाल

-शारीरिक गतिविधि की कमी

-मोटापा

-पर्यावरण प्रदूषण है

-तनावपूर्ण और अस्वस्थ जीवन शैली

-दूषित पेस्टीसाइट युक्त खानपान

 

महिलाएं अधिक प्रभावित

-इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक 2011 में 4,90,008 पुरुषों के मुकाबले 5,54,234 महिलाएं कैंसर से पीडि़त हुई।

-एक जर्नल में भारत में कैंसर मृत्युदर पर एक शोध पत्र में कहा गया है कि पुरुषों में तीन सबसे आम घातक कैंसर मुंह (होंठ और ग्रसनी-22.9 प्रतिशत सहित), पेट (12.6 प्रतिशत), और फेफड़े (ट्रैकिया और लैंरिक्स -11.4 प्रतिशत) हैं। महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा (17.1 प्रतिशत), पेट (14.1 प्रतिशत) और स्तन कैंसर (10.2 प्रतिशत) सबसे खतरनाक थे।