- एनडीपीएस आरोपी द्वारा कोर्ट की तीसरी मंजिल से छलांग लगाने का मामला

- मंडे देर रात आरोपी ने इलाज के दौरान तोड़ा दम

- जिस वक्त आरोपी तीसरी मंजिल से कूदा उसके साथ थे 4 जवान

देहरादून, पेशी के बाद लौटते हुए कोर्ट की तीसरी मंजिल से छलांग लगाने वाले आरोपी की मौत ने पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस कस्टडी में आरोपी कोर्ट की छत से कैसे कूद गया। छत से कूद कर घायल होने के बाद उपचार के दौरान आरोपी जितेंद्र शाह की मंडे देर रात मौत हो गई थी।

यह था पूरा मामला

दरअसल 4 जुलाई की रात थाना मसूरी इलाके के मंकी बैंड पर एक स्विफ्ट डिजायर कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें तीन व्यक्ति सवार थे, इसमें से एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे। जिन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हादसे के संबंध में जानकारी के लिए जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो दुर्घटनाग्रस्त कार में 55 किलो डोडा पोस्त बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस ने हॉस्पिटल में भर्ती दोनों घायलों के खिलाफ एनडीपीएस के तहत केस दर्ज किया। उसी दिन एक आरोपी बंका हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर भाग गया।

पुलिस पर सवाल

अस्पताल से कैसे भाग गया आरोपी

जांच अधिकारी ने बताया कि हॉस्पिटल में उपचार के दौरान ही दोनों घायलों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इसके बाद एक आरोपी बंका हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर भाग कैसे गया।

4 जवानों की मौजूदगी में कैसे कूदा जितेंद्र

जितेन्द्र को हिरासत में लेने के बाद जांच अधिकारी सूरज कंडारी, सिपाही जितेन्द्र, राजकुमार व होमगार्ड सुनील मौके पर ही मौजूद थे। इसी दौरान आरोपी जितेंद्र शाह ने सीजेएम कोर्ट की तीसरी मंजिल से कैसे छलांग लगा दी।

कोर्ट ने भेजा था जेल

पुलिस ने बताया कि आरोपी जितेंद्र शाह को कोर्ट में पेश कर दिया गया था। कोर्ट द्वारा उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। पेशी के बाद बाहर खड़ी पत्नी के साथ उसका विवाद हो गया। इस दौरान भीड़ इकट्ठी हो गई और वह पुलिसकर्मियों को धक्का देकर अचानक कोर्ट की तीसरी मंजिल से कूद गया। बताया जा रहा है कि आरोपी पहले से दिव्यांग था, उसकी कार हादसे के बाद रीड की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ था। पुलिस को अंदेशा नहीं था कि वह ऐसा कदम उठाएगा।

यह भी आशंका

जिस कार से 55 किलो डोडा पोस्त बरामद हुआ था, वह 4 जुलाई को देर रात हादसाग्रस्त हुई थी। अंदेशा यह भी है कि पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान कार सवारों ने भागने की कोशिश की हो। इसी दौरान तेज रफ्तार कार अनियंत्रित हो गई हो और खाई में जा गिरी हो।

2017 में भी हुई थी आरोपियों को जेल

मामले को लेकर एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि आरोपी पहले भी 2017 में एनडीपीएस के तहत जेल जा चुके थे। वे पहाड़ से मादक पदार्थो की सप्लाई करते थे। उनके खिलाफ पहले भी मामले दर्ज हैं।

----------------

पुलिस कस्टडी में आरोपी का तीसरी मंजिल से कूद जाना अपने आप में बेदह गंभीर मामला है।

संजीव शर्मा, एडवोकेट

---------------

इस पूरे मामले में जांच की जा रही है, जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी।

निवेदिता कुकरेती, एसएसपी