झांसी का रहने वाला

धर्मेन्द्र साहू झांसी डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला था। पुलिस कांस्टेबल की नई भर्ती में धर्मेन्द्र का सलेक्शन हुआ था। उसकी पहली पोस्टिंग इलाहाबाद के सिविल लाइंस थाने में हुई। वह सिविल लाइंस में नए रंगरूटों के लिए बने रूम में रहता था और मेस में खाना खाता था। सात मई की सुबह उसकी तबीयत खराब हुई। उसे बुखार महसूस हो रहा था। इस पर साथी राहुल उसे लेकर बेली हॉस्पिटल गया। डॉक्टर ने चेकअप किया और उसे टाइफाइड होना बताकर हॉस्पिटल में एडमिट होने को कहा। धर्मेन्द्र को साथियों ने एडमिट करा दिया। साथी ही हॉस्पिटल में उसकी देखरेख कर रहे थे। उसके साथ ज्यादातर कांस्टेबल राहुल ही रहता था। राहुल के अनुसार थर्सडे की इवीनिंग डॉक्टर ने एक और चेकअप कराने को कहा था।

ब्लड कैंसर बताया

धर्मेन्द्र की रात में रिपोर्ट आई तो सभी दंग रह गए। डॉक्टर का कहना था कि धर्मेन्द्र को ब्लड कैंसर की शिकायत है। इसकी जांच के लिए फ्राइडे को एक और टेस्ट कराने की बात कही गई। तब तक धर्मेन्द्र की हालत स्थिर थी। फ्राइडे की सुबह वह जगा तो राहुल ने उससे कहा कि वह सिविल लाइंस थाने से स्नान करके आ रहा है।

तड़पता रहा और थम गई सांसें

सुबह के करीब साढ़े सात बज रहे थे। धर्मेन्द्र के सामने की बेड एडमिट एक पेशेंट ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि अचानक धर्मेन्द्र की तबियत बिगड़ी और वह तड़पने लगा। हालत खराब होते ही उसने राहुल को काल करके बुलाया। इस दौरान नर्स चेकअप के लिए पहुंच गई। धर्मेन्द्र की हालत बिगड़ती जा रही थी। देखते ही देखते उसके मूंह से खून आने लगा। नर्स की कॉल पर डॉक्टर भी पहुंच गए। नर्स इंजेक्शन लेकर पहुंची लेकिन तब तक वहां सन्नाटा पसर चुका था। धर्मेन्द्र जिंदगी की जंग हार चुका था।

भड़क उठे साथी रंगरूट

धर्मेन्द्र की मौत की खबर मिलते ही उसके साथी भड़क उठे। इसकी जानकारी मिलते ही सिविल लाइंस इंस्पेक्टर सतेन्द्र तिवारी फोर्स के साथ बेली हॉस्पिटल पहुंचे। धर्मेन्द्र के साथी डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि डॉक्टर ने अगर सही से ट्रीटमेंट किया होता तो यह नौबत न आती। उसे ब्लड कैंसर था तो पहले क्यों नहीं बताया। वह उसे लेेकर पीजीआई जाते।

एसएसपी का भी पारा चढ़ा

मामले की संवेदनशीलता को देखते ही एसपी सिटी शैलेष यादव, सीओ कोतवाली अतुल श्रीवास्तव और कैंट थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एसपी सिटी ने इसकी जानकारी एसएसपी नवीन अरोरा को दी। लापरवाही की बात सुनकर एसएसपी भी भड़क उठे। बेली हॉस्पिटल पहुंचते ही उन्होंने सीएमएस को काल किया। डॉक्टर को बुलाया और धर्मेन्द्र का ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर से उसकी पूरी रिपोर्ट मांगी। सीएमएस के कमरे में आधे घंटे से ज्यादा समय तक मिटिंग चलती रही।

कहा होगी कार्रवाई

डॉक्टर्स से मीटिंग करने के बाद एसएसपी धर्मेन्द्र के साथियों से मिले और उन्हें भरोसा दिलाया कि धर्मेन्द्र की मौत में डॉक्टर की लापरवाही साबित हुई तो उनके खिलाफ एफआईआर और कार्रवाई होगी। एसएसपी से आश्वासन मिलने के बाद रंगरूट को इंसाफ मिलने की आस जगी। इस दौरान एसएसपी नवीन अरोरा ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

Report by- Piyush kumar