-परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया, पुलिस खुदकुशी या हादसा मान रही है

-साथी कांस्टेबल और दीवान पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज, पुलिस ने जांच शुरू की

KANPUR : गजनेर में संदिग्ध परिस्थिति में कांस्टेबल नरेंद्र चंद्र यादव (57) की मौत का मामला हादसा, सुसाइड और हत्या में उलझ गया है। परिजनों ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर हत्या का आरोप लगाया है। वहीं, पुलिस का मानना है कि कांस्टेबल ने या तो खुदकुशी की है या वह हादसे का शिकार हुआ है। फिलहाल आला अफसरों ने परिजनों की तहरीर पर साथी कांस्टेबल और दीवान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू करा दी है।

तीन दिन छुट्टी के बाद ड्यूटी पर गए थे

मूलरूप से इटावा भरथना निवासी नरेश चंद्र यादव कांस्टेबल थे। वह परिवार के साथ श्यामनगर में रहते थे। परिवार में पत्नी ज्ञानकली, दो बेटे दीपक, पीयूष और दो बेटियां है। बेटियों की शादी हो चुकी है। बेटा पीयूष रेलवेकर्मी है। नरेश गजनेर की पामा चौकी में तैनाती थी। वह तीन दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को ड्यूटी पर गए थे। वह रात को साथी कांस्टेबल कप्तान सिंह यादव और दीवान वेद प्रकाश के साथ गश्त पर गए थे।

अचानक गोली की आवाज सुनाई दी

वह सरवनखेड़ा स्थित पंप के पास पहुंचे थे। साथियों के मुताबिक नरेश पंप के सामने पेशाब करने गए थे कि वहां से अचानक गोली की आवाज सुनाई दी। साथी कांस्टेबल कप्तान और वेद प्रकाश भागकर वहां पहुंचे तो नरेश लहूलुहान पड़े थे। साथी उसको जिला अस्पताल ले गए और वहां से रीजेंसी लाए। यहां पर उसको मृत घोषित कर दिया गया। दोनों साथियों का कहना है कि नरेश को गोली कैसे लगी, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। पुलिस ने परिजनों को जानकारी दी तो उन्होंने हास्पिटल में पहुंचकर हंगामा कर दिया। उन्होंने नरेश की हत्या का आरोप लगाया।

खुदकुशी या हादसा मान रही है पुलिस

पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर जाकर जांच की थी। वे घटना को हादसा या खुदकुशी मान रहे है। पुलिस का पहला मानना है कि कांस्टेबल ने खुद को गोली मारी है। इसके लिए उन्होंने लोड राइफल के पिछले हिस्से को जमीन पर रखकर पैर के अंगूठे या हाथ से गोली चलाई है। वहीं, कुछ पुलिसकर्मियों का मानना है कि वह राइफल को लोड किए थे। उससे अचानक गोली चलने से उनको लग गई है।

जूते पहने थे तो कैसे गोली चला सकते है

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक नरेश के बाये तरफ सीने में गोली लगी है। जो आरपार हो गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर परिजनों ने नरेश की हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब नरेश पैर में जूता पहने थे तो वह अंगूठे से कैसे फायर कर सकते थे। हाथ से गोली चलाने के समय नरेश को आगे की झुकना पड़ेगा। ऐसे में जब किसी गोली लगती है तो गोली का एंगल चेंज हो जाएगा। इसके अलावा बेटे दीपक का यह भी आरोप है कि नरेश का साथी कांस्टेबल कप्तान सिंह यादव उनसे रंजिश मानता था। नरेश तीन दिन की छुट्टी पर आए थे तो उन्होंने इस बारे में बताया था। इन सबूतों के आधार पर परिजनों ने साथियों पर नरेश की हत्या का आरोप लगाया है। जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।