- BRD medical college के gyne department का मामला

- बाहर से खून व दवाएं लाने के बाद भी डॉक्टर ने इलाज में बरती लापरवाही

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स की लापरवाही से प्रेग्नेंट लेडी की मौत हो गई। तीमारदारों ने आरोप लगाया कि बाहर से ब्लड व दवाएं लाने के बाद भी मरीज को नहीं दिया गया। जिससे उसकी हालत खराब हो गई और मौत हो गई। मौत के बाद गायनी विभाग के लेबर रूम में तीमारदारों ने खूब हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें शांत कराया।

प्रसव के बाद बिगड़ी हालत

पिपराइच के पतरा निवासी मनीष शर्मा की पत्‍‌नी रंजू को प्रसव पीड़ा होने पर शुक्रवार को परिजनों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के गायनी वार्ड में भर्ती कराया। डॉक्टर ने उसे शुक्रवार की रात लेबर रूम में शिफ्ट कर दिया। देर रात रंजू ने पुत्री को जन्म दिया। इसके बाद प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टर ने तीमारदारों से दो यूनिट ब्लड का इंतजाम करने को कहा। करीब तीन हजार रुपये की दवा व इंजेक्शन भी बाहर से खरीद कर लाने को कहा। तीमारदारों ने तत्काल इंतजाम कर दिया।

नहीं चढ़ाया खून, मरीज की हुई मौत

तीमारदारों का आरोप है कि ब्लड लाने के बाद भी डॉक्टर ने मरीज को खून नहीं चढ़ाया। बाहर से मंगाई दवाएं व इंजेक्शन भी नहीं लगाया। रविवार के तड़के मरीज की हालत और बिगड़ गई। यह देखकर तीमारदारों ने हो-हल्ला शुरू कर दिया तब आनन-फानन में डॉक्टर्स ने इलाज शुरू किया लेकिन कुछ देर बाद ही प्रसूता ने दम तोड़ दिया। प्रसूता की मौत की खबर से तीमारदारों का धैर्य जवाब दे गया। वह हंगामा करने लगे। पति ने रंजू की मौत के लिए डॉक्टर्स की लापवाही को जिम्मेदार माना। बताया कि रात से ही कई बार जूनियर डॉक्टर्स से खून चढ़ाने की गुहार की गई हर बार डॉक्टरों ने फटकार कर वापस लौटा दिया।

वर्जन

जानकारी के बाद मौके पर पहुंचा और मरीज के साथ आए तीमादारों को समझाया गया। प्रेग्नेंसी के दौरान मरीज की हालत खराब हो गई थी। डॉक्टर ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन नहीं बच पाई। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी।

डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय, बीआरडी