- कॉलोनी में कई लोग करते हैं पेट्रोल और डीजल का अवैध कारोबार

- परवेज भी काफी समय से कर रहा था काला धंधा

Meerut : कांशीराम आवास योजना में परवेज के घर में लगी आग पूरे दिन रहस्य का विषय रहा। इस बीच ये बात भी निकलकर सामने आई कि परवेज अवैध पेट्रोल का व्यापार भी करता था। ऐसे में कई तरह का सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर परवेज अवैध पेट्रोल कहां से लाता था। किन लोगों को वो पेट्रोल सप्लाई करता था। कहीं इस व्यापार में पेट्रोल पंप के लोग तो संलिप्त नहीं है। आखिर पेट्रोल माफिया पर पुलिस और प्रशासन लगाम क्यों नहीं कस पा रही है।

पुठ्टा से आता है पेट्रोल

अवैध पेट्रोल की जड़ पुठ्ठा से शुरू होती है। जहां इंडियन ऑयल की रिफाइनरी है। जब रिफाइनरी से गाड़ी चलती हैं तो वेदव्यासपुरी में गाडि़यों को रोका जाता है। गाडि़यों में लगी सील को तोड़कर पेट्रोल को निकाला जाता है। उसके बाद पूरे शहर में बेचा जाता है। लेकिन आज तक इस पर कोई रोक नहीं लगा सका है। लगातार तेल माफियाओं का कारोबार फलता फूलता जा रहा है। पुलिस और प्रशासन मोम की मूर्तियां बन नजारा देख रहीं हैं।

कहां-कहां होता है सप्लाई

नाम न बताने की शर्त पर कांशीराम योजना में रहने वाले और अवैध तेल का व्यवसाय करने वाले एक आदमी ने बताया कि तेल की डेंसिटी को बढ़ाकर लिसाड़ी गेट, हापुड़ रोड और गढ़ रोड पर सप्लाई किया जाता है। वहीं हाईवे के पेट्रोल पंपों पर जहां पुलिस का ज्यादा दखल नहीं है कि बेचा जाता है। वहीं इस अवैध तेल के सबसे बड़े खरीदार पेंट व्यवसाई भी हैं। जिन्हें रोजाना हजारों लीटर पेट्रोल की जरुरत होती है। उसने आगे बताते हुए कहा कि इस बार में पुलिस और प्रशासन सभी को सूचना होती है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

तो परवेज की मौत का कारण भी यही

अगर बात परवेज की करें तो पेट्रोल का अवैध व्यापार की इसकी मौत का मेन कारण माना जा सकता है। क्योंकि उसके घर में एक ऐसा ड्रम भी दिखाई दिया जिसमें अवैध पेट्रोल रखता था। वहीं स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि इसके इस व्यवसाय से आसपास के लोग भी काफी परेशान थे, लेकिन कोई खुलकर नहीं बोलता था। क्योंकि उसके कई और साथी भी यही काम करते थे।

परवेज का मेडिकल बुलेटिन

रात को करीब 9 बजे संतोष हॉस्पिटल में परवेज के बारे में पूछा तो डॉक्टर्स ने बताया कि परवेज की हालत पहले से बेटर है। अभी उसे कहीं और रेफर करने की योजना नहीं है। उसका लगातार ऑब्जर्वेशन किया जा रहा है। बॉडी 80 फीसदी से ऊपर जल चुकी है। ऐसे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उसका इलाज डॉ। राहुल मित्तल की देखरेख में हो रहा है।