चीन के गांसू प्रांत में प्राइमरी स्कूल के एक टीचर को 26 नाबालिग लड़कियों से रेप और यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में मौत की सजा दी गई है. प्राइमरी स्कूल के शिक्षक रहे ली जिशुन को तियांशुई सिटी के इंटरमीडियट पीपुल्स कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसके बाद सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट ने भी मौत की सजा पर मुहर लगा दी.

अदालत ने ली को 2011 से 2012 के दौरान चार से 11 साल की उम्र की 26 लड़कियों का बलात्कार और यौन उत्पीड़न करने का दोषी मानते हुए उसके अपराध को एक संगीन जुर्म कहा है. चीन की समचार एजेंसीयों के अनुसार अदालत ने उसे लड़कियों की छोटी उम्र का फायदा उठा कर उनके साथ अत्याचार करने का दोषी पाया है.

ली इन बच्चियों बरगला कर उनके नासमझ होने का लाभ उठाता था और उन को क्लास और हॉस्टल में ले जा कर वारदात को अंजाम देता था. सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट के एक जज ने कहा कि ली ने जो किया और उसका समाज पर भयानक असर पड़ा है, इसके कारण उसे कठोर सजा दी गयी है.

एसपीए ने चार और ऐसे केसेज के डीटेल्स पब्लिश किए हैं जिसमें नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न किया गया है. इनमें से एक मामले में अपराधी ने पांच नाबालिग बच्चियों के साथ स्कूल की डोरमेटरी में दुष्कर्म किया. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पिछले चार सालों में चाइल्ड  सेक्सुअल एब्यूज के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. 2012 से 2014 के बीच चीन में ऐसे करीब 7,145 मामले दर्ज किए गए हैं.

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