साउथ कोरिया में मर्स का कहर जारी

दक्षिण कोरिया में मर्स नामक वायरस के फैलने की वजह से अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है। इस वायरस से लोगों में हैवी अस्थमा और प्लमनरी डिसीज की शिकायत देखी जाती है। साउथ कोरियन हेल्थ मिनिस्ट्री के ताजा बयान के अनुसार हाल ही में इस वायरस से दो अन्य महिलाओं की मौत हो गई है। इन दोनों महिलाओं की उम्र क्रमश: 79 और 80 वर्ष थी। मर्स से संक्रमित होने से पहले यह महिलाएं किसी अन्य बीमारी से भी पीड़ित थीं। बीती 20 मई को इस वायरस से पीड़ित पहला व्यक्ति सामने आया था। इसके बाद यह वायरस साउथ कोरिया में तेजी से फैला था और सरकार ने 700 स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था। अब तक 181 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 81 लोग वायरस से निजात पा चुके हैं। बाकि बचे 69 लोगों का इलाज चल रहा है और 13 संक्रमित लोग गंभीर स्थिति में हैं। एक डॉक्टर को भी इस बीमारी से संक्रमित बताया जा रहा है।

कतर से आया है वायरस

मर्स नाम का इस वायरस को पहली बार सऊदी अरब से लौटे एक व्यक्ति में पाया गया था. यह व्यक्ति बहरीन, यूएई, कतर औरर सऊदी अरब से होते हुए साउथ कोरिया पहुंचा था. WHO की रिपोर्ट के अनुसार इस व्यक्ति में सफर के दौरान किसी प्रकार की बीमारी नहीं देखी गई थी. लेकिन इस वायरस के साउथ कोरिया में फैलने से दुनियाभर की मेडिकल एजेंसियां चिंतित हैं क्योंकि यह देश अपनी मॉर्डन हेल्थकेयर फैसिलिटीज के लिए चर्चित है.

आखिर क्या है वायरस

मर्स का पूरा नाम मिडिल ईस्ट रेस्पायरेटरी सिंड्रोम है जिसके बारे में सबसे पहले साल 2012 में पता चला था. ओमान, अल्जीरिया और मलेशिया में इस वायरस से कुछ लोग मौत के शिकार हुए हैं. लेकिन साउथ कोरिया पहला ऐसा देश है जो इस वायरस का शिकार हुआ है. यह वायरस मिडिल ईस्ट में रहने वाले ऊंटों में पाया जाता है और जो लोग ऊंटों से निकलने वाले दूध, वेस्ट और फ्लूइड के संपर्क में आते हैं वे इस वायरस के शिकार हो सकते हैं. साउथ कोरिया में इस वायरस से मरने वाले दोनों लोगों में हैवी अस्थमा और प्लमनरी डिसीज की पुष्टि की गई है.

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