- पुलिस अफसर हादसा बताकर झाड़ रहे मामले से पल्ला

- हादसे के दौरान निर्वस्त्र कैसे हो सकता है मृतक

- बिना आईकार्ड के कताई मिल परिसर अंदर जाना था बैन

Meerut: ईवीएम मशीनों की सुरक्षा में लगे लंगूर मालिक की हत्या की गई या ये महज एक हादसा था? इस पर सस्पेंस अभी बरकरार है। पुलिस मामले को हादसा मानकर फाइल बंद करना चाहती है, जबकि कई ऐसे सबूत हैं, जो मर्डर की ओर इशारा कर रहे हैं। प्रत्याशी मामले को संदिग्ध ही मानकर चल रहे हैं।

कहां गई थी फोर्स?

कताई मिल में ईवीएम मशीनों के चलते पैरामिलिट्री फोर्स के जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं। साथ ही एक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी भी हर समय रहती है। लेकिन किसी को भी नहीं पता किशनलाल कहां गायब हो गया। मिल में तैनात एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने बुधवार से किशनलाल को परिसर में नहीं देखा था। जबकि इससे पहले किशन लंगूर के साथ इधर-उधर घूमता दिखाई देता रहता था। आखिर एक दिन पहले से किशनलाल कहां गायब था?

किशनलाल कैसे हुआ नग्न

पूरे मामले में पुलिस अधिकारी भी इस सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि अगर ये हादसा था तो मृतक की बॉडी से कपड़े कैसे उतर गए? यदि हादसा होता तो शरीर के कपड़े फट सकते थे, लेकिन हटते नहीं। वारदात को हादसा बता रहे अधिकारियों का कहना है कि वह कपड़े उतारकर लंगूर के साथ टिन शेड पर चढ़ता था तो सवाल ये भी है कि उतरे हुए कपड़े शव के साथ कैसे पाए गए?

बिना आईकार्ड एंट्री नहीं

कताई मिल परिसर में ईवीएम होने की वजह से कड़ी सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। चार पैरामिलीट्री के जवान हर वक्त गेट पर तैनात रहते हैं, साथ ही बिना आईकार्ड के किसी भी अंजान व्यक्ति को मिल परिसर में एंट्री नहीं है, इसके बावजूद अगर हादसा भी हो रहा है तो यह अति संवेदनशील क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है?

इन सवालों के जवाब कौन देगा

- मृतक किशनलाल के कपड़े गटर में कैसे पहुंचे?

- टिन शेड से गिरने पर क्यों नहीं निकला खून?

- आखिर कहां गायब हो गया किशनलाल का मोबाइल?

- शव से 20 मीटर की दूरी पर कैसे पहुंची रस्सी?

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फिलहाल हादसे वाली बात गले से नहीं उतर रही है, पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करने की जरूरत है

-सोमेन्द्र तोमर, प्रत्याशी दक्षिण विधान सभा

(दो वर्जन और आएंगे)

आफिशियल स्टैंड

किशनलाल के बारे में पूछताछ में पता चला है कि वह कपड़े निकालकर छत पर चढ़ता था। पीएम रिपोर्ट से साफ हो चुका है उसकी मौत छत से गिरने के कारण हुई है।

-आलोक प्रियदर्शी, एसपी सिटी

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परिजनों को हादसे पर नहीं यकीन

किशनलाल के परिवार में आज भी कोहराम मचा हुआ था। परिजनों को पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं है। उनका कहना है कि पिछले 15 सालों से उनका यह काम था। आज तक कहीं से नहीं गिरे।

बुधवार से था गायब

किशनलाल मिस्ट्री को हादसा बता रही पुलिस ने परिसर में लगे सीसीटीवी खंगाले तो बुधवार दोपहर बाद उसकी लोकेशन ही नहीं मिली। यानी जो कुछ भी हुआ, बुधवार दोपहर हो गया और गुरुवार शाम परिजनों के शोर मचाने पर जब उसकी तलाश की गई तो गटर में मिला उसका शव? अब सवाल ये है कि लंगूर लेकर इधर-उधर घूमने वाला किशनलाल 24 घंटे तक लापता रहा, लेकिन सुरक्षा में तैनात जिम्मेदार अधिकारियों को इसका अहसास भी नहीं हुआ। किसी ने भी अपने स्तर पर ये पता करने की कोशिश नहीं की कि आखिर किशनलाल कहां गायब हो गया?

सिर्फ नाम के लिए सुरक्षा?

मतदान के बाद अतिसंवेदनशील कताई मिल की सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत बयां करती इस तस्वीर को गौर से देखिए, जो 12 फरवरी को ली गई है। मैदान की सफाई के दौरान तमाम शराब की बोतलें बरामद की गई थीं। ये वो बोतलें थीं, जो ईवीएम जमा करने आए कर्मचारियों ने चुनावी थकान मिटाने के लिए इस्तेमाल की थी। एक ओर पुलिस व पैरामिलेट्री फोर्स सुरक्षा में तैनात थी और पुलिस-प्रशासन के सभी अधिकारी वहां मौजूद थे, वहीं ईवीएम जमा करने आए कर्मचारी थकान मिटाने के लिए जाम टकरा रहे थे।