एक्स आर्मी पर्सन आर्मी कैंप पर हुए हमले से बेहद नाराज, चाहते हैं सीधी कार्रवाई

आई नेक्स्ट ने कराया डिबेट, पूर्व सैनिक बोले भाषण देने की जगह कुछ करें पीएम

ALLAHABAAD: देश के लिए आज भी हम मर मिटने का दम रखते हैं। आज भी हमारे अंदर वहीं जज्बा जिंदा है जो बार्डर पर ड्यूटी के वक्त था। इंतजार है सिर्फ एक मौके का। 'पाक' को को खाक में मिला देंगे। कुछ इस अंदाज में निकला पूर्व सैनिकों का गुबार जो आई नेक्स्ट द्वारा आयोजित डिबेट में शिरकत करने आए थे।

पानी सर से ऊपर जा चुका है

रिटायर सूबेदार बृजेश कुमार द्विवेदी बोले, पड़ोसी ने मर्यादा की सीमा लांघ दी है। वह भूल गया है कि कई बार हम उसे धूल चटा चुके हैं। फिर भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। आखिर कब तक हमारे जवान मारे जाते रहेंगे और हम कूटनीति के रास्ते पर चलेंगे। युद्ध करने का वक्त आ चुका है। प्रधानमंत्री को कठोर फैसला लेना चाहिए। सैन्य मुख्यालय पर हमला बेसिकली देश पर हमला है। हम रिटायर जरूर हुए हैं मगर आज भी हमारे सीने में वहीं फौलादी ताकत है। बस एक बार मौका तो दें।

आतंकियों नहीं पाक ने किया हमला

रिटायर सूबेदार विष्णु कुमार सिंह ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमारी फौज पर हमला उग्रवादियों ने नहीं पाक सेना के लोगों ने कराया है। जिस प्रकार से हमला हुआ वैसे हमले सेना के जवान टारगेट बनाकर करते हैं। वक्त आ गया है कि राजनीतिज्ञ कठोर फैसले लें। जिस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने कारगिल युद्ध को हरी झंडी दी थी ठीक वैसा ही कुछ फैसला मोदी जी भी लें। यह स्थिति हम फौजियों के लिए बर्दाश्त करने वाली नहीं है। आए दिन हमारे जवान व देश की जनता मारी जा रही है। आखिर हम कब तक बर्दाश्त करेंगे।

एक बार हो ही जाये आर या पार

सेवानिवृत्त हवलदार सीएल सिंह कहने लगे जिस प्रकार से आतंकवादी हमले हिन्दुस्तान में हो रहे हैं उसमें मासूम जनता और देश की सुरक्षा के रखवाले मारे जा रहे हैं। रोज-रोज जिल्लत झेलने से बेहतर है कि एक बार युद्ध छिड़ जाए। पाक को उसकी औकात बता दी जाय। सेना में कई ऐसे हथियार आ चुके हैं जिनसे हम अपने देश में बैठे-बैठे पड़ोसी देश को उसके ही नक्शे से खत्म कर सकते हैं। एक बार परमिशन भर मिल जाए, सेना को पता है कि क्या करना है। सेना के अफसरों को चाहिए कि कड़ा फैसला लें और युद्ध की घोषणा करें। देश के लिए तो हक अब भी अपनी जान न्यौछावर करने के लिए बैठे हैं।

आखिर कब सीखेंगे जवाब देना

रिटायर सूबेदार मेजर रणवीर सिंह ने कहा कि राजनीति व कूटनीति के दबाव में सरकार असमंजस में है तो लड़ाई लड़ने के और भी कई तरीके सेना के पास है। हमें पता है कि कैसे हम उनके कैम्प पर हमलाकर उन्हें खत्म कर सकते हैं। जरूरत है तो सिर्फ एक बार सैनिकों को मौका देने की।

रिटायर सूबेदार मेजर श्याम सुंदर सिंह पटेल ने कहा कि पड़ोसी को पीठ पर वार करने की आदत हो चुकी है। सामने से लड़ने की औकात नहीं है। उसे जड़ से खत्म करना जरूर हो गया है। सेना को कार्रवाई की इजाजत नहीं मिली तो जाने और कितने जवान शहीद होंगे। विश्व में हमारी सेना काफी मजूबत है। हमने कारगिल के लड़ाई में दिखा दिया है कि हमारे अंदर कितनी ताकत है। ऐसा जोश और जज्बा सिर्फ हिंदुस्तानी फौज में ही है।