- आधे दवा व्यापारी बना रहे मन, नहीं बेचेंग शेड्यूल एच-1 की दवा

- दिल्ली जाकर विरोध करने का लिया डिसीजन

AGRA। शेड्यूल एच-क् का नियम जब से लागू हुआ है तब से दवा व्यापारियों की नींदे उड़ी हुई हैं। उनके अनुसार, नियम में इतनी जटिलताएं हैं कि दवा बेचना आसान नहीं होगा। नियम लागू होने के बाद दवा व्यापारियों का एक वर्ग इसका विरोध करने का मन बना चुका है तो वहीं दूसरा वर्ग दवाएं बेचने के लिए राजी हो गया है।

लगातार कर रहे हैं विरोध

बता दें कि शेड्यूल एच-क् में सरकार ने ब्म् दवाएं डाल दी हैं जिन्हें बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं बेचा जा सकेगा। इस शेड्यूल में खांसी की दवा से लेकर टीबी की दवाएं तक शामिल हैं। मरीज को दवा को खरीदने के लिए अपने साथ हर बार डॉक्टर का पर्चा लाना होगा। साथ ही साथ हर मेडिकल स्टोर ओनर को एक रजिस्टर मेंटेन करना होगा। इस रजिस्टर में डॉक्टर की जानकारी से लेकर मरीज की पूरी दवाएं तक लिखनी होंगी और मरीज का पर्चा तीन साल तक रिकॉर्ड के रूप में रखना होगा। इसी का विरोध केमिस्ट्स कर रहे हैं। सिटी में धरना-प्रदर्शन के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं।

दिल्ली में ख्ब् मार्च को धरना

इस नियम के विरोध में सिटी के दवा व्यापारी ख्ब् मार्च को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना देने जा रहे हैं। धरने में शामिल होने के लिए सिटी से तीन बसों में ख्00 से ज्यादा दवा व्यापारी जा रहे हैं। यह धरना ऑल इंडिया केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन, उत्तर प्रदेश केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन और आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के तत्वावधन में होगा। जंतर-मंतर पर होने वाले इस धरने में देश भर के लगभग फ्0-फ्भ् हजार दवा व्यापारी भाग ले रहे हैं।

अधिनियम के तहत आए दवा व्यापारी

शेड्यूल एच-क् की दवाओं को बेचने पर लगी रिस्ट्रीक्शंस के बाद दवा व्यापारियों एक और अधिनियम को फॉलो करना होगा। सरकार ने दवा व्यापारियों को वस्तुविशेष अधिनियम के तहत कर दिया है। इस अधिनियम के तहत दवा व्यापारी अपनी दुकानें बंद करके प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपने दुकानें खुली रखनी होंगी। लेकिन दुकानें बंद नहीं कर सकते हैं।

दो फाड़ हुए दवा व्यापारी

शेड्यूल एच-क् में आने वाली दवाओं को लेकर सिटी के दवा बाजार में दो हिस्से हो गए हैं। कुछ रिटेलर्स इस शेड्यूल में आने वाली दवाओं को नहीं बेचने का मन बना रहे हैं तो कुछ दवा व्यापारियों का कहना है कि जब दुकान में दवा है तो हम बेचेंगे भी। इस बारे में जब दवा व्यापारियों से बात की गई तो उनके मत भी अलग-अलग थे।

मरीजों को नहीं होगी परेशानी

इस बारे में आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव पुनीत कालरा का कहना था कि हम दवा तो बेचेंगे ही। दवा नहीं बेचेंगे तो मरीजों को बहुत दिक्कत होगी। हमारी मांग सरकार से है, हमारी मांग को सरकार पूरा करेगी। इस नियम को सरकार को संशोधित करना होगा या वापस लेना ही होगा। लेकिन तब तक हम दवा बेचना बंद नहीं करेंगे। यह हो सकता है कि हम नया माल ना उठाएं। वैसे भी हमारी योजना है कि दिल्ली में धरना देने के बाद भी अगर सरकार की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो हम इन दवाओं को नहीं बेचने का अपने साथियों से अनुरोध करेंगे।

'सरकार को नियम वापस लेना होगा'

जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा ने बताया कि उनकी एसोसिएशन ने यह फैसला किया है कि वे शेड्यूल एच-क् में आने वाली दवाओं को नहीं बेचेंगे। जब तक सरकार इस नियम को वापस नहीं लेती या इसमें कोई संशोधन नहीं करती है, तब तक इन दवाओं को नहीं बेचा जाएगा। वहीं, द रिटेर्लर्स एसोसिएशन के सदस्य लल्लन वर्मा ने बताया कि हम रिटेलर्स भी इन दवाओं को नहीं बेचेंगे। अगर हम दवाओं की बिक्री जारी रखेंगे तो सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सरकार को इस नियम को वापस लेना ही होगा। वहीं, जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा शेड्यूल एच-क् के विरोध में ख्8 मार्च को आगरा के थोक और रिटेल बाजार को बंद रखने का आह्वान किया गया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा ने कहा कि सिटी की अन्य तमाम एसोसिएशन भी इस बंद में अपना सहयोग दें।