- 11 दिसंबर 2010 को सामने आई थी घटना

- पति राजेश गुलाटी ने पत्‍‌नी की की थी हत्या

DEHRADUN:

अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में सात साल बाद अदालत का फैसला आ सकता है। इस मामले में अपर जिला जज पंचम की अदालत में क्8 अगस्त को अंतिम बहस पूरी हो गई थी।

ख् बच्चे हैं परिवार में

कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में क्क् दिसंबर ख्0क्0 को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी मूल निवासी क्ब्क्/क् फ‌र्स्ट फ्लोर सत्य निकेतन नई दिल्ली यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा और दो बच्चों के साथ रहता था। क्7 अक्टूबर ख्0क्0 को अनुपमा अचानक लापता हो गई। जब मायके पक्ष के लोगों का अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ तो क्क् दिसंबर ख्0क्0 को अनुपमा का भाई राजेश के प्रकाशनगर स्थित आवास पर पहुंचा, मगर उसे घर में नहीं घुसने दिया गया। यह सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक कमरे में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले।

डीप फ्रीजर में रखी थी लाश

चार माह की विवेचना के बाद क्0 मार्च ख्0क्क् को कैंट पुलिस ने राजेश को हत्या का आरोपी बताते हुए अदालत में चार्जशीट दाखिल की। आरोप पत्र में पुलिस ने बताया कि अनुपमा और राजेश में अक्सर झगड़ा होता था। क्7 अक्टूबर ख्0क्0 की रात भी दोनों में मारपीट हुई। इस दौरान अनुपमा के सिर पर बेड का कोना लग गया और वह बेहोश हो गई। इसके बाद राजेश ने मुंह पर तकिया रखकर उसकी हत्या कर दी। अगले दिन राजेश ने बाजार से ख्0 हजार रुपये में डीप फ्रीजर खरीदा और लाश उसमें छुपा दी। जब खून जम गया तो राजेश ने बाजार से पत्थर काटने वाला ग्राइंडर व आरी खरीदी और उनसे लाश के टुकड़े किए। लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसने तीन बार में कुछ टुकड़े पॉलीथिन में करके मसूरी में पहाड़ी से नीचे फेंके। वह धीरे-धीरे यह कार्य कर रहा था ताकि किसी को शक न हो, लेकिन सच सामने आ गया।