- हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी की दलीलों को अप्रासांगिक बताते हुए किया खारिज

- यूनिवर्सिटी में मनोज कुमार चौहान को एज रजिस्ट्रार काम करने के आदेश

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में वीसी और रजिस्ट्रार की लड़ाई को लेकर चल रही कयासों में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। जहां कोर्ट ने रजिस्ट्रार मनोज कुमार के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। साथ ही इस पूरे प्रकरण में यूनिवर्सिटी की ओर से दी गई दलीलों को खारिज कर दिया। साथ ही मनोज कुमार को यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करने का फैसला सुनाया, लेकिन वीसी अभी अपने निर्णय पर ही अड़े हैं। जो रजिस्ट्रार के साथ काम करने के बजाय इस्तीफा देना ज्यादा सही मान रहे हैं।

वीसी और रजिस्ट्रार के बीच पंगा

यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव से पहले ईसी की मीटिंग के दौरान वीसी और रजिस्ट्रार के बीच पंगा शुरू हुआ था। मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता गया और राजभवन तक पहुंच गया, लेकिन इसका समाधान नहीं हो पाया। यह रजिस्ट्रार और वीसी के लिए ईगो बन गई। वसी ने ख्8 जनवरी की रात रजिस्ट्रार ऑफिस को सील करवा दिया। इस मामले के बाद रजिस्ट्रार हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्होंने यूनिवर्सिटी में अपनी ज्वाइनिंग को लेकर याचिका दायर की, जिसमें निर्णय क्7 मार्च को हो गया। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले में अपना निर्णय दे दिया।

यूनिवर्सिटी की दलीलें खारिज

मनोज कुमार चौहान ने स्टेट ऑफ यूपी और नाइन अदर्स के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें इनकी ओर से सीनियर एडवोकेट महेश नारायण सिंह और अशोक खरे ने अपना पक्ष रखा। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी की ओर से सीनियर एडवोकेट अनुराग खन्ना और रवि कांत ने पक्ष रखा। रजिस्ट्रार मनोज कुमार की ओर से यूनिवर्सिटी संबंधी सभी प्रमाण दिए गए। दूसरी यूनिवर्सिटी के ऐसे मामलों का उदाहरण देते हुए इनके मामले में निर्णय का पक्ष रखा, जिसमें हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी की ओर से पेश की दलीलों को खारिज कर दिया।

बतौर रजिस्ट्रार काम करेंगे

इस मामले में यूनिवर्सिटी की ओर से दी गई दलीलों को अप्रासांगिक बताते हुए कोर्ट ने खारिज कर दिया। साथ ही रजिस्ट्रार के पक्ष में फैसला सुना दिया। जिसमें मनोज कुमार चौहान को ही रजिस्ट्रार के रूप में यूनिवर्सिटी में काम करने के आदेश दिए। फिलहाल मामला रजिस्ट्रार के पक्ष में है। वहीं वीसी भी इस मामले से आहत नजर आ रहे हैं। जो आज भी अपने निर्णय पर टिके हुए हैं। उनका आज भी वही कहना है कि वे इनके साथ काम नहीं कर सकते। वे इस्तीफा देना अधिक सही समझेंगे।

मुझे पता चला है कि रजिस्ट्रार जीत गए हैं। अभी मेरे पास सर्टिफाइड कॉपी नहीं आई है। जिसका पहले वे अध्ययन करेंगे और इसके बाद कुछ कहेंगे। अगर इनको ज्वाइनिंग की बात आती है तो मैं राजभवन को अपना इस्तीफा भेज दूंगा। लेकिन इनके साथ काम नहीं करुंगा।

- वीसी गोयल, वाइस चांसलर, सीसीएसयू मेरठ