- 15 अगस्त 1947 को तिरंगे से नहा गया था मेरठ

- गांधी आश्रम और पीएल शर्मा स्मारक में मनाया था जश्न

आई स्पेशल

Meerut । स्वतंत्रता दिवस का उद्घोष मेरठ से ही हुआ था। 23 से 26 नवंबर 1946 को मेरठ स्थित विक्टोरिया पार्क में कांग्रेस का 54वां अधिवेशन हुआ था, जिसमें कांग्रेस के सभी नेता अधिवेशन में शामिल हुए थे। जवाहर लाल नेहरू ने विक्टोरिया पार्क से उद्घोष किया था कि अब अगला अधिवेशन आजाद भारत में होगा।

मिली आजादी

कांग्रेस के उस अधिवेशन के बाद भारत को आजादी मिल गई थी। 15 अगस्त को दिल्ली से आजादी का ऐलान हो गया था। पूरा देश जश्न ए आजादी को मनाने के लिए जुटा। गया था।

तिरंगे से पटा मेरठ

जैसे ही दिल्ली से आजादी का ऐलान हुआ मेरठ में तिरंगे में नहा गया था। हर किसी के हाथ में तिरंगा और चेहरे पर आजादी की खुशी थी। क्या बच्चे, क्या बूढ़े और क्या नौजवान सभी आजादी का जश्न मना रहे थे।

दो जगह मनाया जश्न

15 अगस्त 1947 के दिन आजादी का जश्न मेरठ में दो जगह मनाया गया था। पहले सभी लोग गांधी आश्रम पर एकत्र हुए लोगों ने जमकर आजादी का जश्न मनाया। उसके बाद पीएल शर्मा स्मारक में शाम को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देर रात तक मेरठ के लोग आजादी खुशियां मनाते रहे।

जब मेरठ से दिल्ली गए

मेरठ के लोगों में खुशी इतनी थी कि जैसे देश के आजाद होने और बंटवारे की घोषणा हुई लोग मेरठ से दिल्ली पहुंच गए। वहीं दिल्ली से काफी लोग मेरठ भी आए। क्योंकि मेरठ से स्वतंत्रता का उद्घोष हुआ था। वैसे भी मेरठ से 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत हुई थी।

झांकियां व जुलूस निकाले

पूरे शहर में आजादी की खुशियां मनाने के लिए मेरठ के लोगों ने झांकियां निकाली व जुलूस निकाले। भारत माता, वंदे मातरम के जयकारों से पूरा मेरठ गूंज उठा था।

मुस्लिमों को रोका

स्वतंत्रता सेनानी धर्म दिवाकर ने बताया कि 15 अगस्त 1947 को मुस्लिम इलाके के लोग डर रहे थे। वह शहर से पलायन करने की योजना बना रहे थे। लोगों ने एक शरणार्थी ट्रस्ट बनाया। बात की और मुस्लिम समुदाय के लोगों को जाने रोका। बाहर से आए लोगों की रहने व खाने की व्यवस्था की।

बूंदाबादी खुशी में बदली

धर्म दिवाकर ने उस समय बूंदाबांदी हो रही थी। सुबह को जब पता चला कि देश आजाद हो गया है तो वह बूंदबांदी खुशी में बदल गई। हर तरफ खुशियां मनाई जा रही थी। खासकर स्कूलों में जो माहौल को वह देखने लायक था। ऐसी खुशी न उससे पहले हुई न उसके बाद हुई।