-मौसम बदलने पर पौधों में माहू का भी प्रकोप हो जाता है. इससे बचने के लिए एक लीटर पानी में एक एमएल नुवान मिलाकर स्प्रे करें. ऐसा दो-तीन सप्ताह तक करें.

-यदि आपने कोलियस भी लगाया है तो इसके पौधों की यूरिया के पानी से धुलाई करें. इसके लिए दस लीटर पानी में एक चम्मच यूरिया डालकर घोल लें. फिर इस पानी का पौधे की धुलाई में प्रयोग करें. ऐसा करने के पश्चात पौधों को अलग से पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती. साथ ही पौधों की बढ़त भी अ'छी होती है और पौधों की पत्तियों का रंग भी निखर जाता है.

-यदि आपने अभी तक डहेलिया नहीं लगाया है तो अब भी सबसे उचित समय है, इसे लगा लें. सर्दियों का सबसे बड़ा और आकर्षक फूल इसमें ही आता है.

-अगर आपने बीज डालकर पौध तैयार की है तो वह गमले या क्यारियों में लग चुकी होगी. यदि नहीं तो आजकल तैयार पौध भी आसानी से उपलब्ध है. इनको भी आप गमलों और क्यारियों में लगा सकती हैं.

-अब बारी आती है गजेनिया, पैंजी, पिटुनिया, गेंदा, एलाइसम, कैंडीटफ, डाइमोरफोतिका, डाइएंथस, आइस प्लांट, साल्विया व साइनेरिया आदि के पौधों को पोषण देने की. बाजार में आजकल एनपीके का मिश्रण 16:16:16 या 20:20:20 आ रहा है. इसको प्रति सप्ताह में पानी में घोलकर पौधों में डालने से पौधों की बढ़त अच्छी होती है.

लगाएं आम का पेड़

-आम के पेड़ लगाने के लिए उत्तर भारत का इस समय का मौसम अति उत्तम है.