बेडरूम अलग तो डायनिंग रूम है खास

दीवाली नजदीक है। घर में पेंटिंग शुरू हो चुकी है। कारीगर पेंटिंग के लिए लगे है। यह समय अब बीत चुका है। अब पेंटिंग के लिए कारीगर के साथ खुद फैमिली मेंबर्स भी मौजूद रहते है। क्योंकि अब घर की दीवारें एक कलर में नहीं बल्कि अलग-अलग पसंद के मुताबिक दिखती है। एक ही रूम में दो दीवारें एक कलर की हैं तो बाकी की दो दीवारें दूसरे कलर की। वहीं एक ही रूम को अलग-अलग लुक देने के लिए दीवारों पर कलर तो एक है, मगर एक दीवार पर वालपेपर उसकी सुंदरता में चार-चांद लगा रही है। हालांकि इस सीजन में एक कलर की डिमांड अधिक है। मगर दीवारों पर हर चीज के लिए अलग लुक दिया जा रहा है। टीवी, फैमिली फोटोग्राफ, सीनरी को अलग लुक सेम कलर की दीवार पर वुड या वालपेंटिंग के जरिए दे रहे है। एक ही घर के अलग-अलग रूम में अलग-अलग कलर का मेन कारण लोगों की बदलती लाइफ स्टाइल है। क्योंकि हर शख्स का फेवरेट कलर अलग होता है। जो उन्हें राहत देता है। इसलिए घरों की दीवारों पर लोग अपने फेवरेट कलर का यूज कर रहे है। जिससे वे हमेशा फ्रेश रहे।

कुछ इस तरह सज रहे घर

बेडरूम

पिंक, लाइट ब्लू, क्रीमी, येलो और लाइट ग्रीन रंग बेडरूम के लिए काफी अच्छा होता है। बच्चों के बेडरूम में लाइट ग्रीन कलर का यूज करना चाहिए। बेडरूम में रेड कलर का यूज बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि वह टेंशन देता है।

किचन

किचन में लाइट कलर ही यूज किए जाते है। क्योंकि नार्मली किचन में टाइल्स का यूज अधिक होता है। ऐसे में अधिक कलर की जगह नहीं बचती। फिर भी व्हाइट, येलो, पिंक, ऑरेंज कलर का यूज कर सकते है। हालांकि मॉड्यूलर किचन में कलर के लिए जगह बहुत नहीं मिलती है।  

डायनिंग रूम

डायनिंग रूम में लाइट कलर काफी अच्छा माना जाता है। पिंक, ग्रीन, ब्लू, ऑरेंज, क्रीमी रंग ताजगी का अहसास कराता है।

गेस्टरूम

गेस्ट रूम को हमेशा अलग-अलग विचार वाले लोग इस्तेमाल करते है। इसलिए गेस्ट रूम में हमेशा हल्के कलर का यूज करना चाहिए।

घर की दीवारों पर कलर का यूज वास्तु के साथ लोगों की पसंद का होना चाहिए। जैसे जिसका बेडरूम है, उसे कैसा कलर पसंद है। किचन में रहने वाले को कौन सा कलर पसंद है। हालांकि वास्तु के मुताबिक किचन, बेडरूम, डायनिंग रूम और गेस्ट रूम के लिए अलग-अलग कलर होते है।

पं। नरेंद्र उपाध्याय