राजगढ़ MP (पीटीआई) जब से WhatsApp पर तमाम तरह की आपत्तिजनक जानकारियां, खबरें और फेक न्यूज की बाढ़ आई है। तब से तमाम सुरक्षा एजेंसियां काफी सतर्क हो चुकी हैं और ऐसी वैसी खबरों को हवा देने वाले व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन की शामत आई हुई है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के राजगढ़ का 21 साल का एक ग्रुप एडमिन पिछले 5 महीने से जेल की सजा काट रहा है। उस पर राजद्रोह का आरोप है। उसे एक ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप का डिफॉल्ट एडमिन पाया गया जिसमें किसी एक मेंबर द्वारा आपत्तिजनक संदेश पोस्ट किए गए थे। इस मामले में सभी व्हाट्सएप ग्रुप चलाने वाले लोगों के लिए खासतौर पर गौर करने की बात यह है कि जो लड़का 5 महीने से जेल में है, ना तो वो ग्रुप एडमिन था और ना ही उसने वो मैसेज भेजे थे।

जानिए पूरा मामला
मध्य प्रदेश के तालेन पुलिस स्टेशन के प्रभारी नर्मदा प्रसाद दहिमा बताते हैं कि इसी साल 14 फरवरी को एक व्हाट्सएप ग्रुप में देश विरोधी संदेश पोस्ट किए गए थे। इस मामले में राजगढ़ के तालेन कस्बे के 17 साल के एक लड़के पर ऐसा करने का आरोप था, संदेश काफी भड़काऊ होने के कारण कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और पुलिस में कंप्लेंट कर दी। जब पुलिस ने राष्ट्र विरोधी मैसेज भेजे जाने वाले व्हाट्सएप ग्रुप को खंगाला तब तक उस ग्रुप के सभी एडमिन ग्रुप छोड़कर भाग चुके थे।

व्हाट्सएप ग्रुप से भाग गए सारे एडमिन,जो बचा वो 5 महीने से जेल की सजा काट रहा,तो रहें सावधान!

सारे एडमिन द्वारा ग्रुप छोड़ने पर एक मेंबर बना एडमिन और हुआ गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक उन्होंने पहले आरोपी लड़के और ग्रुप एडमिन को ढूंढना शुरू किया। पता चला कि उस ग्रुप का मेन एडमिन तो पहले ही ग्रुप छोड़ चुका है। उसके बाद उस ग्रुप में मौजूद दो और सदस्य व्हाट्सएप सीक्वेंस के हिसाब से ग्रुप एडमिन बन गए थे, लेकिन उन्होंने भी ही ग्रुप छोड़ दिया। आखिरकार पकड़ा गया 21 साल का बीएससी छात्र जुनैद मेव। सारे ग्रुप एडमिन ग्रुप छोड़ चुके थे ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पॉलिसी के हिसाब से जुनैद मेव अपने आप ही ग्रुप का एडमिन बन गया। इसका नतीजा यह हुआ कि पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले नाबालिग लड़के और ग्रुप एडमिन जुनैद के खिलाफ देशद्रोह और धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

परिवार का आरोप, जांच में लापरवाही के कारण बेकसूर पहुंचा जेल
पुलिस के मुताबिक व्हाट्सएप ग्रुप पर ऐसी पोस्ट करने वाले 17 साल के लड़के को नाबालिक होने के कारण रिमांड होम में भेज दिया गया जबकि जुनैद को जेल भेज दिया गया। इस मामले में जुनैद के भाई मोहम्मद फखरुद्दीन आरोप लगाते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पॉलिसी की खराबी की वजह से उनका भाई जेल की सजा भुगत रहा है जबकि पुलिस की जांच में लापरवाही के कारण ही ऐसा हुआ है। उनका कहना है कि ग्रुप पर आपत्तिजनक मैसेज भेजे जाने के वक्त जुनैद ग्रुप एडमिन नहीं था, लेकिन जब सभी एडमिन ग्रुप से भाग खड़े हुए तो जुनैद ऑटोमेटिक एडमिन बन गया। उनका मुताबिक जुनैद पर राजद्रोह का केस होने के कारण उसे हाई कोर्ट से भी बेल नहीं मिली। यही इस कारण उसका एग्जाम और आईटीआई की ट्रेनिंग सब रुक गई है।

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