12 में से मिले 8 करोड़ रुपए

कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने मंत्रालय से विकास कार्यों के लिए 12 करोड़ रुपए बजट की मांग की थी। ताकि रुके हुए कार्यों को पूरा किया सके। जिन विकास कार्यों की रूपरेखा पूरी की जा चुकी है उन पर काम शुरू किया जा सके। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो जल्द ही विकास कार्यों पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

बढ़ गए दो करोड़ रुपए

इससे पहले कैंट बोर्ड को मंत्रालय की ओर से विकास कार्यों के लिए 6 करोड़ रुपए मिला करते थे। जो कंगाल कैंट बोर्ड के लिए पूरे नहीं पड़ा करते थे। इसलिए इस बार अपना बजट डबल करके 12 करोड़ भेजा गया था। लेकिन मंत्रालय से सिर्फ 8 करोड़ रुपए ही पास हो पाए। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो अगले वर्ष ये आंकड़ा पूरा करने की पूरी कोशिश की जाएगी।

सीईओ का है असर

ये पहला मौका नहीं है कि कैंट बोर्ड ने अपना बजट बढ़ाकर भेजा हो। इससे पहले भी कई बार कैंट बोर्ड ने मंत्रालय को बजट बढ़ाकर भेजे गए थे। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था। कई बार मंत्रालय ने कैंट बोर्ड को अपनी इनकम बढ़ाने की हिदायत भी दी थी। ताकि बार-बार कैंट बोर्ड के अधिकारियों को मंत्रालय के सामने हाथ न फैलाने पड़े। इस बार मौजूदा कैंट बोर्ड सीईओ की मंत्रालय में अच्छी छवि बढ़ा बजट मिलने का कारण माना जा रहा है।

''हमने 12 करोड़ रुपए के बजट की मांग की थी, लेकिन मंत्रालय ने 8 करोड़ रुपए ही सेंक्शन किए हैं। बजट आने के बाद रुके हुए कामों में तेजी आएगी.''

- एमए जफर, पीआरओ, कैंट बोर्ड