- जानकारी के अभाव में डिग्री कॉलेज नैक से पीछा छुड़ाते रहते थे

- यूनिवर्सिटी नैक की कोर टीम बनाकर कॉलेजों को अवेयर करेगी

KANPUR:

शहर के डिग्री कॉलेज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की एबीसीडी तक नहीं जानते हैं। सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हों या फिर गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज सभी को नैक के बारे में कोई सही जानकारी नहीं है। जिसकी वजह से हम इससे पीछा छुड़ाया करते थे। ये हकीकत राम सहाय राजकीय डिग्री कॉलेज के प्रो आलोक पांडेय ने सीएसजेएमयू में आयोजित दो दिवसीय वर्कशॉप के दौरान बयां की। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में पता चला कि नैक कॉलेजों के लिए क्यों जरूरी है।

कॉलेजों ने कराया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

दो दिवसीय वर्कशॉप के समापन अवसर पर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि अब यूनिवर्सिटी में नैक के लिए कोर कमेटी बनाई जाएगी, जो कि डिग्री कॉलेजों में नैक की ट्रेनिंग देगी और उन्हें नैक के फायदों से अवगत कराएगी। दिसंबर में एक बार फिर से इस तरह की वर्कशाप का आयोजन किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के आईक्यूएसी कोआर्डिनेटर डॉ सुधान्शु पांड्या ने कहा कि कम्प्यूटर के साथ इस वर्कशाप का फायदा यह हुआ कि कई कॉलेजों ने नैक के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया है। नैक बंगलौर से आए एक्सपर्ट डॉ के रामा, डॉ सुजाता सानभाग ने नैक की प्रक्रिया को कम्यपूटर के साथ कनेक्ट करके लोगों को अवेयर किया। इस अवसर पर डॉ प्रवीन कटियार, डॉ। संदीप सिंह, डॉ। शाश्वत कटियार, डॉ अंशू यादव, डॉ ब्रजेश स्वरूप कटियार, डॉ संदेश गुप्ता मौजूद रहे।