2 बाइक से आए थे 4 अपराधी
वारदात से ठीक पहले दोनों इंजीनियर शिवराम गांव में चल रहे कंस्ट्रक्शन की देखरेख कर रहे थे। इसी बीच दोपहर करीब एक बजे दो बाइक सवार चार अपराधी आए और दोनों इंजीनियर पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी। गोली लगने के बाद ब्रजेश और मुकेश एक जगह पर गिर गए। जबकि, अपराधी आसानी से फरार हो गए।  स्थानीय लोगों के सहयोग से दोनों इंजीनियरों को डीएमसीएच लाया गया। तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी.

कुख्यात संतोष झा के थे गुर्गे
अपराधियों ने मुकेश पाठक जिंदाबाद, लिबरेशन आर्मी जिंदाबाद के नारे भी लगाए। अपराधियों ने जिस तरह से नारे लगाए गए, उससे यही साबित होता है कि अपराधी संतोष झा के ही गुर्ग़े थे। वारदात में अपराधियों ने एके -47  जैसे हथियार का इस्तेमाल किया है। मौके से एके-47 के 12 और कट्टा का एक खोखा मिला.

कांट्रैक्ट या रंगदारी?
कंपनी दो साल से बेगूसराय के वरुणापुर से दरभंगा के रसियारी तक 120 किलोमीटर स्टेट हाईवे-88 बना रही है। कंस्ट्रक्शन का बजट साढ़े सात सौ करोड़ रुपए के करीब है। कहा जा रहा है कि साढ़े सात सौ करोड़ के ठेके में से पेटी कांट्रेक्ट के तहत काम हथियाने के लिए कंपनी के लोगों पर दबाव डाला जा रहा था। पुलिस के लिए अब सवाल ये है कि इस सनसनीखेज वारदात को किसलिए और किसने अंजाम दिया. 

रंगदारी विवाद को लेकर दरभंगा एसएसपी से मिले थे। इसके बाद बेस कैंप पर सुरक्षा उपलŽध कराई गई थी। लगातार मिल रही धमकियों के कारण काम करने वाले 40-45 लोग काम छोड़ जा चुके हैं.
 -देवेश राठौर, प्रोजेक्ट मैनेजर 

जिले में नाकेबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हाई लेवल मीटिंग चल रही है। बेनीपुर डीएसपी अंजनी कुमार दल बल के साथ कैंप कर रहे हैं.
-दिलनवाज अहमद,  एएसपी, दरभंगा

2 बाइक से आए थे 4 अपराधी

वारदात से ठीक पहले दोनों इंजीनियर शिवराम गांव में चल रहे कंस्ट्रक्शन की देखरेख कर रहे थे। इसी बीच दोपहर करीब एक बजे दो बाइक सवार चार अपराधी आए और दोनों इंजीनियर पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी। गोली लगने के बाद ब्रजेश और मुकेश एक जगह पर गिर गए। जबकि, अपराधी आसानी से फरार हो गए।  स्थानीय लोगों के सहयोग से दोनों इंजीनियरों को डीएमसीएच लाया गया। तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।

 

कुख्यात संतोष झा के थे गुर्गे

अपराधियों ने मुकेश पाठक जिंदाबाद, लिबरेशन आर्मी जिंदाबाद के नारे भी लगाए। अपराधियों ने जिस तरह से नारे लगाए गए, उससे यही साबित होता है कि अपराधी संतोष झा के ही गुर्ग़े थे। वारदात में अपराधियों ने एके -47  जैसे हथियार का इस्तेमाल किया है। मौके से एके-47 के 12 और कट्टा का एक खोखा मिला।

 

कांट्रैक्ट या रंगदारी?

कंपनी दो साल से बेगूसराय के वरुणापुर से दरभंगा के रसियारी तक 120 किलोमीटर स्टेट हाईवे-88 बना रही है। कंस्ट्रक्शन का बजट साढ़े सात सौ करोड़ रुपए के करीब है। कहा जा रहा है कि साढ़े सात सौ करोड़ के ठेके में से पेटी कांट्रेक्ट के तहत काम हथियाने के लिए कंपनी के लोगों पर दबाव डाला जा रहा था। पुलिस के लिए अब सवाल ये है कि इस सनसनीखेज वारदात को किसलिए और किसने अंजाम दिया. 

 

रंगदारी विवाद को लेकर दरभंगा एसएसपी से मिले थे। इसके बाद बेस कैंप पर सुरक्षा उपलŽध कराई गई थी। लगातार मिल रही धमकियों के कारण काम करने वाले 40-45 लोग काम छोड़ जा चुके हैं।

 -देवेश राठौर, प्रोजेक्ट मैनेजर 

 

जिले में नाकेबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हाई लेवल मीटिंग चल रही है। बेनीपुर डीएसपी अंजनी कुमार दल बल के साथ कैंप कर रहे हैं।

-दिलनवाज अहमद,  एएसपी, दरभंगा