DEHRADUN: दून में एशिया के सबसे बड़े आइस रिंक का बनना किसी सपने के सच होने से कम नहीं था। लेकिन इस सपने को अब ग्रहण लग गया है। महाराणा स्पो‌र्ट्स कॉलेज में 65 करोड़ की लागत से तैयार आइस रिंक आज बंजर हो चुका है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जब इस आइस रिंक का रियलिटी चेक किया तो यहां चारों तरफ घास जमी मिली और रिंक का कोई सुधलेवा नहीं दिखा।

  

फिश रेस पर 12 करोड़ खर्च

औली में पहली बार फिश (फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंग) रेस के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार अब तक 12 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर चुकी है, लेकिन आइस रिंक को दुरुस्त करने का ख्याल भी सरकार को नहीं आया।

 

सरकार को नहीं परवाह

स्पो‌र्ट्स कॉलेज में बनाया गया करोड़ों का यह आइस रिंक सूबे में आइस स्पो‌र्ट्स के लिए कारगर साबित हो सकता था। विंटर गेम्स के लिए यहां नौसिखियों को ट्रेनिंग दी जा सकती थी। सिर्फ इसे मेंटेन रखने की जरूरत थी, ये इनकम का भी साधन बन सकता था। लेकिन, पिछले 6 साल से न किसी सीएम, न स्पो‌र्ट्स मिनिस्टर और न ही टूरिज्म मिनिस्टर ने इसकी सुध लेना जरूरी समझा।

 

- 2010 दिसंबर में आइस रिंक में ऑर्गेनाइज हुआ था कोचिंग कैंप.

- 2011 जनवरी में सेफ विंटर गेम्स का हुआ था आयोजन.

- 2011 अगस्त में कार्निवाल कोचिंग कैंप का हुआ था आयोजन.

- 2012 मार्च में रिंक में ही चैलेंज कप का हुआ था आयोजन.

 

 

 

रिंक पर बना इतिहास

2011 में इस रिंक पर तब इतिहास बना। जब, सात देशों के स्केटर्स ने इस रिंक पर अपना हुनर दिखाया था। इनमें इंडिया के अलावा बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान व श्रीलंका के खिलाड़ी शामिल थे।

 

 तब कृषि मंत्री थे सीएम

महाराणा स्पो‌र्ट्स कॉलेज आइस रिंक में हालांकि 2011 जनवरी में साउथ विंटर गेम्स के आयोजन हो गए थे। लेकिन, रिंक का औपचारिक उद्घाटन न हो पाने के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक ने 11 अगस्त 2011 में दून आइस स्केटिंग परिसर का विधिवत लोकार्पण किया था। इस मौके पर तत्कालीन कृषि मंत्री व वर्तमान में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, तत्कालीन खेल मंत्री खजान दास व पर्यटन मंत्री मदन कौशिक भी मौजूद रहे।

 

15 जनवरी से 21 जनवरी तक औली में होनी है आइस-फिश रेस

औली में इस बार पहली दफा फिश रेस (फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंगग) आयोजित की जा रही है। सरकार का पूरा फोकस इस रेस पर है। 15 से 21 जनवरी तक आयोजित होने वाली फिश रेस की तैयारियों का जायजा लेने सीएम आज औली रवाना होंगे। अब तक इस आयोजन के लिए 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट खर्च हो चुका है। रेस में फ्रांस, इटली, अफगानिस्तान, नेपाल, तजाकिस्तान, लक्समबर्ग देशों के अलावा गुलमर्ग, हिमाचल व उत्तराखंड के स्कीयर्स शामिल हो रहे हैं।