Dehradun: देहरादून, दून-ऋषिकेश-हरिद्वार मेट्रो प्रोजेक्ट पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी)तैयार न हो पाने के कारण प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है। सीएमपी की जिम्मेदारी केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) को सौंपी गई है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगस्त तक कंपनी सीएमपी तैयार कर लेगी, उसके बाद प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हो जाएगा।

 

सीएमपी इसलिए है जरूरी

किसी भी शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले नियमानुसार सीएमपी तैयार होना जरूरी है। इसी क्रम में उत्तराखंड मेट्रो कॉर्पोरेशन ने केंद्र सरकार के मान्यता प्राप्त उपक्रम यूएमटीसी को जिम्मेदारी सौंपी है। सीएमपी में मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट के संचालित होने से पहले और उसके बाद सीधे जनता पर पड़ने वाले असर का ब्योरा शामिल होता है। मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारी बताते हैं कि सीएमपी में यह देखा जाता है कि मेट्रो संचालित होने के बाद जनता को कितना फायदा मिलेगा, उसके दूरगामी फायदे क्या होंगे और अगले 20 सालों तक मेट्रो आम लोगों के लिए कितनी फिजिबल होगी, इन बिंदुओं पर स्टडी की जाएगी। इसके अलावा ट्रैफिक पर मेट्रो प्रोजेक्ट का क्या असर पड़ेगा, इसका भी सीएमपी में समावेश होगा। सीएमपी कब तक तैयार हो पाएगी, इस बारे में यूएमटीसी के स्टेट हेड यशी टंडन ने बताया कि सीएमपी कॉफिडेंशियल मामला होता है। लिहाजा कब तक सीएमपी बनकर तैयार होगा, वह इस बारे में कुछ नहीं बता पाएंगी।


 

सीएमपी की डेडलाइन 10 अगस्त

मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारियों की मानें तो यूएमटीसी अब तक ऐसे 23 तमाम सीएमपी तैयार कर चुकी है, जो सफल रहे हैं। इसी को देखते हुए उत्तराखंड मेट्रो की सीएमपी की भी यूएमटीसी को जिम्मेदारी दी गई है। मेट्रो कॉर्पोरेशन के सचिव केसी शर्मा बताते हैं कि उत्तराखंड मेट्रो की सीएमपी सौंपने की आखिरी तारीख 10 अगस्त को निर्धारित की गई है। वहीं उत्तराखंड मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी बताते हैं कि यूएमटीसी से मई तक अकेले दून में शुरू होने वाले मेट्रो प्रोजेक्ट के सीएमपी की उम्मीद जताई गई है। मेट्रो कॉर्पोरेशन के अफसर मान रहे हैं कि सीएमपी के कारण मेट्रो से संबंधित कार्यो में शिथिलता आई है। सीएमपी मिलने के बार मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़े कार्यो में रफ्तार आएगी।


 

 

डीएमआरसी के जिम्मे डीपीआर

दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन ने हालांकि पहले ही डीपीआर तैयार कर ली है। 800 पेजेज की डीपीआर का फाइनल प्रिंट होने से पहले उसमें सरकार की तरफ से कुछ सुझाव शामिल किए जाने हैं। बताया जा रहा है कि ये सुझाव भी शामिल हो चुके हैं। सीएमपी के बाद डीपीआर सरकार के समक्ष रखने के बाद इस पर राज्य कैबिनेट की मुहर लगेगी।

 

 

यूएमटीसी द्वारा सीएमपी अगस्त तक सौंप दिया जाएगा। सीएमपी मेट्रो कॉर्पोरेशन को सौंपा जाएगा। इसके बाद डीपीआर सरकार को अनुमति के लिए सौंपी जाएगी।

जितेंद्र त्यागी, एमडी, उत्तराखंड मेट्रो कॉर्पोरेशन।