- पहचान छिपाकर शादी का झांसा और दुष्कर्म का मामला

- अदालत में आरोपी दोषी करार, सजा के साथ 40 हजार रुपए जुर्माना भी

DEHRADUN: हिंदू युवती से पहचान छिपाकर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के दोषी अधिवक्ता को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ शंकर राज की अदालत ने सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने वकील पर 40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया, जिसमें से 30 हजार रुपये पीडि़ता को दिए जाएंगे। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को तीन वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

पहचान छुपाकर कर ली शादी
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने अदालत को बताया कि वर्ष 2013 में पीडि़ता कचहरी के बाहर एक दुकान पर टाइपिस्ट थी। उसके माता-पिता नहीं थे और वह भाई के साथ रहती थी। इसी दौरान एक युवक उससे मिला और खुद को वकील बताते हुए अपना नाम अनिल बताया। दोनों में बातचीत बढ़ने लगी। इस बीच आरोपी ने पीडि़ता से शारीरिक संबंध भी बनाए। जब पीडि़ता ने शादी का दबाव बनाया तो पहले वह टालमटोल करने लगा फिर नौ दिसंबर 2017 को वकील ने 10 हजार रुपये दिए और कहा कि वह शादी के कपड़े खरीद ले। 11 दिसंबर को आरोपी उसे कार से मसूरी के पास ले गया। जहां वकील के कुछ दोस्त और एक पंडित मौजूद था। यहां दोनों का हिंदू रीति के अनुसार विवाह हुआ।

युवती को बताया था गलत नाम
शादी के बाद वकील उसे बड़ोवाला, पटेलनगर में स्थित एक मकान में ले गया। कुछ दिन बाद ही जब वकील किसी से फोन पर बात कर रहा था, तब उसे पता चला कि वकील का नाम अनिल नहीं है, बल्कि उसका असली नाम अब्बास अली पुत्र मिसार अहमद है। यह भी पता चला कि वह पहले से शादीशुदा है। इस पर जब अब्बास उर्फ अनिल से बात की गई तो वह उसे धमकी देने लगा। जिससे वह काफी डर गई। चार जनवरी 2018 को अब्बास ने पीडि़ता को बुरी तरह पीटा और कुछ कागजों पर साइन करा लिए। उसी समय यह भी पता चला कि अब्बास किसी और युवती से शादी करने वाला है। 12 जनवरी 2018 को मामले में पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने अब्बास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अदालत ने एसराम कृष्णा बनाम राज्य और उड़ीसा राज्य बनाम सुक्कू गोड़ा के केस में आए फैसले की नजीर के आधार पर सजा का ऐलान कर दिया।

पंडित की गवाही रही अहम
केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल सात गवाह पेश किए। इसमें पीडि़ता और शादी कराने वाले पंडित की गवाही अहम रही। वहीं बचाव पक्ष ने तीन गवाह पेश किए, लेकिन अदालत ने उनके तर्को को न मानते हुए अब्बास को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी।