-दून के पुरकुल गांव से मसूरी के हाथीपांव तक बनना है रोप-वे

-शासन से मिल चुकी है इस प्रोजेक्ट को वित्तीय सहमति

-पर्यटन विभाग पीपीपी मोड पर बनवाएगा रोप-वे

-रोप-वे के लिए सर्वे का काम हो चुका है पूरा

>DEHRADUN: सबकुछ ठीक रहा तो देहरादून से मसूरी तक का सफर अब घंटों में नहीं, बल्कि तीस मिनट का ही रह जाएगा। न जाम की झंझट रहेगी और न ही सड़कों के घुमावदार मोड़ का खतरा। पांच सालों से अटका दून-मसूरी रोप-वे प्रोजेक्ट बनने की उम्मीद अब फिर से जग गई है। पर्यटन विभाग शासन से वित्तीय सहमति मिलने के बाद इस पर तेज गति से काम कर रहा है। इसके लिए तमाम सर्वे भी पूरे कर लिए गए हैं। अब इसे पीपीपी मोड पर बनवाने की तैयारी की जा रही है।

पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

रोप-वे में सफर का मजा पिकनिक में और जान डाल देता है। अक्सर पर्यटक कई ऐसी जगहों पर इसलिए भी आते हैं कि वहां रोप-वे से सफर किया जाए। हालांकि वह सफर कम ही दूरी का होता है, लेकिन देहरादून से मसूरी तक रोप-वे से सफर लगभग छह किलोमीटर तक रहेगा। जिसमें प्रकृति के सुंदर नजारों का मजा भी लिया जा सकेगा।

पांच साल से अटका है रोप-वे

रोप-वे प्रोजेक्ट पर पिछले पांच सालों से चर्चा के अलावा कुछ नहीं हो पा रहा था। पांच सालों में विभाग और शासन के बीच यह प्रोजेक्ट ऐसे ही झूलता रहा, लेकिन किसी स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिल पाई। यह प्रोजेक्ट करीब दौ सौ करोड़ की लागत से पूरा होना है। अब फिर से इस पर काम शुरू होने से इसके बनने की संभावना प्रबल हाे गई है।

पीपीपी मोड पर बनेगा प्रोजेक्ट

पर्यटन विभाग के मुताबिक रोप-वे के लिए सभी सर्वे पूरे कर लिए गए हैं। इसे पीपीपी मोड पर बनवाया जाना है, जिसमें करीब दो साल का समय लग सकता है। दो सौ करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट में पुरकुल से हाथीपांव तक रोप-वे बनना है। यह रोप-वे मसूरी पार्क स्टेट में पहुंचाएगा।

शासन से वित्ती समिति की बैठक में प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। इस काम को पीपीपी मोड पर कराने की तैयारी है और इसके पूरा होने में करीब दो साल का समय चलेगा। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ही इसका किराया आदि तय किया जाएगा।

--एके द्विवेदी, अपर निदेशक, पर्यटन विभाग