अभिशाप बन गई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा

दांव पर 25 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों का भविष्य

गुस्साए छात्रों ने सभी दलों की बुलाई छात्रसंघ भवन में बैठक

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पीजी प्रवेश परीक्षा एवं कम्बाइंड रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट (क्रेट) परीक्षार्थियों के लिए अभिशाप बनती जा रही है। एयू एडमिनिस्ट्रेशन की आपसी गुत्थम गुत्था में 25 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। परीक्षा परिणाम आएगा या पूरी प्रवेश परीक्षा ही निरस्त कर दी जाएगी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इसपर मंडे को भी कोई फैसला नहीं सुना सका। इससे छात्रों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। एयू एडमिनिस्ट्रेशन की कार्यशैली से बौखलाए छात्रसंघ ने ट्यूजडे को बैठक बुलाई है।

छात्र करेंगे अब हल्ला बोल

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों को एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने आश्वस्त किया था कि वह मंडे तक पीजी और क्रेट पर कोई न कोई निर्णय जरुर ले लेगा। ऐसे में छात्र भी फैसला सुनने के लिए डीएसडब्ल्यू ऑफिस पहुंचे थे। लेकिन आश्चर्य की बात रही कि यहां छात्रों को कोई जवाब देने वाला मिला ही नहीं। इससे छात्रों का पारा भी चढ़ गया है। छात्रसंघ की ओर से ट्यूजडे मार्निग 11 बजे छात्रसंघ भवन में बैठक बुलाई गई है। इसमें परीक्षा पर निर्णय न ले पाने के लिए इविवि प्रशासन के खिलाफ चरणबद्ध आन्दोलन की रणनीति तय की जाएगी। निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने बताया कि बैठक में सभी छात्र संगठन एवं छात्रसंघ के पदाधिकारी शामिल होंगे।

परीक्षा निरस्त करवाने पर अड़े

छात्रों के आक्रोश की बड़ी वजह 25 हजार से ज्यादा छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाने को लेकर है। बता दें कि एयू में क्रेट की परीक्षा विगत 23 जून एवं पीजी प्रवेश परीक्षा 24 जून को हुई थी। दोनों में परीक्षार्थियों की कुल संख्या 25 हजार से ज्यादा है। लेकिन लम्बा अरसा बीतने के बाद भी एयू एडमिनिस्ट्रेशन इसपर कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। मालूम हो कि छात्र दोनों ही परीक्षाओं को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं। उनकी यह मांग परीक्षा में हुई भारी गड़बड़ी और अनियमितता को लेकर है। क्रेट के एक सेंटर की परीक्षा निरस्त की गई है। यह परीक्षा कब होगी? इसका भी कुछ अता पता नहीं है।

कुलपति की बड़ी विफलता

एयू एडमिनिस्ट्रेशन की बड़ी परेशानी इस बात को लेकर भी है कि क्रेट की जिस केन्द्र की परीक्षा निरस्त हुई है। बिना उसे करवाए परिणाम घोषित भी नहीं किया जा सकता। कई छात्रों का कहना है कि उन्होंने दूसरी यूनिवर्सिटी की भी परीक्षाएं दी हैं। एयू का रिजल्ट न आ पाने के कारण उनका भविष्य दांव पर लग गया है। वे नहीं समझ पा रहे कि उन्हें रिजल्ट का वेट करना चाहिए या फिर दूसरी जगहों पर दाखिले के लिए चले जाना चाहिए। निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा का कहना है कि यूनिवर्सिटी में पीजी और क्रेट की सीटें लिमिटेड हैं। जिससे सभी को दाखिला मिलेगा भी नहीं, ऐसे में छात्रों की परेशानी जायज है। उन्होंने इस स्थिति को कुलपति प्रो। आरएल हांगलू की बड़ी विफलता करार दिया है।