संगम क्षेत्र में आए राजनायिकों की सुरक्षा की कमान सेना ने संभाली

पीएसी, एडीआरएफ समेत जगह-जगह पुलिसकर्मी रहे तैनात

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PRAYAGRAJ: कुंभ मेला क्षेत्र में शनिवार को 70 देशों के राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन बेहद सतर्क रहा। जमीन से लेकर आसमान तक से निगरानी की व्यवस्था की गयी थी। सुरक्षा घेरा बम्हरौली से लेकर अरैल-संगम तक सेना, पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस अफसरों के साथ पीएसी व पुलिसकर्मियों ने बेहतरीन कोआर्डिनेशन से सुरक्षा घेरा तैयार किया था। अरैल घाट पर प्रोग्राम स्थल की तरफ ड्रोन कैमरे से नजर रखी गई। सुबह करीब साढ़े नौ बजे विमान बमरौली एयरपोर्ट पहुंचा, इसके बाद सभी राजनायिकों और उनके साथ आए लोगों को कड़े सुरक्षा व्यवस्था के बीच कार्यक्रम स्थल तक बस के जरिए ले जाया गया।

ऊपर हैलीकाप्टर नीचे सुरक्षा जवान

बम्हरौली से लेकर कार्यक्रम स्थल तक सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई चूक न हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की अभेद्य व्यवस्था की थी। एयरपोर्ट से प्रोग्राम स्थल के बीच स्थित सभी चौराहों पर जीरो ट्रैफिक मूवमेंट रखा गया था। बैरिकेडिंग को पार करने की इजाजत किसी को नहीं थी। नैनी स्थित अरैल घाट कार्यक्रम स्थल के ऊपर हेलीकाप्टर के जरिए नजर रखी जा रही थी। पूरे कार्यक्रम के दौरान हेलीकाफ्टर उड़ रहा था। गंगा और यमुना नदी पर जल पुलिस के साथ एडीआरएफ की टीम लगातार लोगों पर नजर बनाए हुई थीं। संगम नोज से लेकर नए यमुना पुल तक नावों के संचालन पर रोक थी। इससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत भी हुई।

क्रूज के आस पास कड़ी सुरक्षा

करीब 12 बजे लंच करने के बाद सभी राजनायिकों को क्रूज पर ले जाया गया। इस दौरान उनकी सुरक्षा में क्रूज पर कई पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा क्रूज के आस पास भी सुरक्षा का कड़ा घेरा था। जो उनके साथ चल रहा था। सेना के जवान व जल पुलिस के अलावा एडीआरएफ की टीम साथ चल रही थी। ध्वज फहराने के बाद सभी पुन: कार्यक्रम स्थल आ गए। कार्यक्रम स्थल के चारों तरफ पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मी लगाए गए थे। जो बिना किसी परमिशन के किसी को भी अंदर आने नहीं दे रहे थे।