बढ़ते पार्टिकल्स

दिल्ली में डेली पॉल्यूशन फिगर्स में अनोखी ही बात सामने आई है. फिगर्स के मुताबिक दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है. दिल्ली की इस हवा में ढ़रों डेनजरस स्मॉल पार्टिकल्स पाए गए हैं. जो कि खतरनाक रूप से लोगों के लंग्स में अंदर तक असर डाल रहे हैं और लंग्स के द्वारा वो लोगों के खून भी मिल जाते हैं.

केसर जैसी बीमारी

बीजिंग के अमेरिकी दूतावास ने जनवरी के बीच में इस बात की वार्निंग दी थी. वार्निंग में अमेरिकी दूतावास ने इस बात से अवेयर कराया है कि हवा में हार्मफुल पार्टिकल्स की तदाद एक दम से बढ़ी हैं. हवा में मौजूद इन हार्मफुल पार्टिकल्स को पीएम 2.5 (पार्टिकुलेटड मैटर्स) कहते है. इन मैटर्स की वजह से हवा में स्मोक रहता है. साल के शुरुआत में ही इसकी मात्रा मेजरमेंट स्केल में 500 से ज्यादा ऊपर पाई गई है. इस जानकारी के अनुसार जिन पार्टिकुलेटड मैटर्स का डायमीटर 2.5 माइक्रो मीटर्स से कम होता है. वो सीधा हमारे लंग्स में अंदर तक जा कर हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं. ये हार्मफुल पार्टिकल्स हमारे खून में भी मिल जाते हैं. जिसकी वजह से हमें केंसर जैसी बीमारी तक लग सकती है.     

बीजिंग में पहली बार, पर दिल्ली में आठ रातों से

हालांकि दिल्ली के साल के पहले तीन हफ्तों के फीगर्स पर नजर डालें तो पंजाबी बाग इलाके में ये हार्मफुल पार्टिकल्स की मात्रा सबसे कम पाई गई है. पंजाबी बाग में इसकी मात्रा 473 पाई गई है. जो कि अन्य शहरों के मुकाबले कम है. लेकिन ये मात्रा दुनिया की सबसे पोल्यूटेड कही जाने वाली सीटि बीजिंग से दोगुनी है. बीजिंग में इन पार्टिकल्स की एवरेज मात्रा 227 है. जहां इस साल पॉल्यूशन की मात्रा ने पहली बार बीजिंग में 500 का आंकड़ा 15 जनवरी की रात को पार किया था. वहीं दिल्ली में एसी आठ रातें बीत चुकी हैं

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