हाईकोर्ट का गेट नंबर 2. दोपहर करीब तीन बजे यहां पुलिस वाले रिलैक्स हो चुके थे। कोई चोखा-बाटी खा रहा था तो कोई पान की गुमटी पर खड़ा था। पार्किंग स्टैंड पर गाडिय़ों की भरमार थी। सिक्योरिटी का कोई बंदोबस्त नहीं था। दिल्ली बम विस्फोट के बाद कुछ देर तो सिक्योरिटी चेकिंग का ड्रामा चला। डॉग स्क्वायड भी पहुंचा। गाडिय़ों की तलाशी के नाम पर एक्सरसाइज हुई। लेकिन कुछ देर में ही असलियत सामने आ गई। सभी रिलैक्स्ड मूड में आ गए।

कुछ देर में ही फरमाने लगे आराम

दिल्ली में बम विस्फोट हुए तो राजधानी पुलिस को एक बार फिर सिक्योरिटी की याद आई। कोर्ट के पास आनन-फानन में चेकिंग शुरू हो गई। लेकिन इसके बाद पुलिस वालों को थकान लगने लगी। वह कोर्ट के सामने बने अधिवक्ता प्रेरणा पार्क में आराम फरमाने लगे। मेन गेट पर कुछ पुलिसकर्मी कुर्सी पर आराम फरमा रहे थे। तभी एक चैनल लाइव कवरेज करने पहुंच गया। बस, फिर क्या था, वीडियो कैमरा देखते ही पुलिस वाले हरकत में आ गए और कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए और कोर्ट में इंट्री करने वालों की तलाशी लेने लगे।

चार साल पहले कचहरी में हुआ था विस्फोट

चार साल पहले लखनऊ, फैजाबाद और बनारस में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इसके बाद प्रशासन ने सिक्योरिटी कड़ी करने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। कुछ दिनों तक यह व्यवस्था चली लेकिन इसके बाद पूरा सिस्टम फेल हो गया।

अभी भी हैं खामियां

सेंट्रल बार एसोसिएशन के ज्वायंट सेक्रेटरी अनुराग दीक्षित कहते हैं कि हाई कोर्ट के सामने रोड पर पार्किंग की व्यवस्था है। ऐसे में यदि यहां कभी कोई हादसा हो गया तो भगदड़ में ही कई लोगों की जान जा सकती है। इसके अलावा आग लगने की सिचुएशन में फायर ब्रिगेड भी यहां नहीं पहुंच सकती है। सेशन कोर्ट में मेटल डिटेक्टर की कोई व्यवस्था नहीं है।

अब pass से होगी entry 

जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेन्द्र कुमार शुक्ला बताते हैं कि करीब डेढ़ साल पहले यहां मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। लेकिन कुछ दिनों में ही खराब होने के बाद उन्हें हटा दिया गया। बुधवार को जिला जज वीरेन्द्र विक्रम सिंह, डीआईजी डीके ठाकुर एवं अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई। मीटिंग में फैसला लिया गया कि सेशन कोर्ट के चारों गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाये जाएं। पार्किंग के लिए एक लाइन खींच दी जाए। यहां तैनात ट्रैफिक सिपाही की जिम्मेदारी होगी कि वह इन वाहनों को लाइन के भीतर ही पार्क कराए। इसके अलावा एडवोकेट को बार कौंसिल या बार एसोसिएशन का कार्ड दिखाने के बाद ही इंट्री मिलेगी। साथ ही क्लाइंट के लिए भी पास व्यवस्था लागू की जाएगी। कोर्ट के आस-पास होटल और चाय के ठेलों को भी हटाने पर विचार किया जा रहा है।

चारबाग रेलवे स्टेशन

धमाकों के बाद एयरपोर्ट पर सायरन बजाती गाडिय़ां दौडऩे लगीं तो रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए एडीजी रेलवे एके जैन ने दौरा किया। सीसीटीवी कैमरों पर आखें गड़ा दी गई और संदिग्ध लोगों की तलाशी ली जाने लगी। हालांकि सेफटी के नजरिये से मोस्ट इम्पोर्टेंट रास्ते बुकिंग हाल और प्लेटफार्म नम्बर 8 पर लोगों का बेरोकटोक आना जाना जारी रहा।

48 में 11 कैमरे निकले खराब

धमाकों के बाद चौकसी और फिर वही पुराना हाल। हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली में बम धमाके के बाद सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े लोग हरकत में आये। चारबाग रेलवे स्टेशन पर डॉग स्क्वायड, सीसीटीवी कैमरे और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर पर पुलिस कर्मी दिखाई देने लगे। जबकि हकीकत यह है कि जांच के बाद पता चला कि स्टेशन पर लगे 48 कैमरों में 11 खराब हैं, इन खराब कैमरों को फौरन ठीक कराने के लिए कहा गया। अभी तक बुकिंग हाल सेकेंड और प्लेटफार्म नम्बर आठ और नौ से भी लोगों का बेरोकटोक आना-जाना जारी रहा.  चारबाग जंक्शन पर भी ऐसी कई जगहे हैं जहां से स्टेशन परिसर पर आंख बचा कर पहुंचा जा सकता है।

हाल-ए-एयरपोर्ट

एयरपोर्ट परिसर की पार्किंग में खड़ी गाडिय़ों तक लोगों की चेकिंग की गई और एयरपोर्ट परिसर में सादी वर्दी में खुफिया एजेंसी के लोगों की तैनाती कर दी गई। हर आने जाने वाले पर निगाह रखने के साथ इंटरनेशनल यात्रियों पर खास निगाहें रखी गईं.  

मॉल की हुई जांच

एसपी पूर्वी और एसपी ट्रांसगोमती ने अपने अपने क्षेत्रों में बाजारों और शापिंग माल्स की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की। इस दौरान एसपी ट्रांस गोमती नितिन तिवारी के नेतृत्व में गोमतीनगर में फन रिपब्लिक, आईनाक्स, वेस्ट एंड मॉल के अलावा कपूरथला, भूतनाथ मार्केट सहित कई स्थानों पर चेकिंग की गयी। वहीं एसपी ईस्ट विजय भूषण ने सहारागंज और फिनिक्स मॉल के साथ-साथ भीड़भाड़ वाले इलाकों में चेकिंग अभियान चलाया। हालांकि पूरे सिटी से कहीं से भी पुलिस को कुछ नहीं मिला है.