विरोध के स्वर हो रहे हैं मुखर
अरविंद केजरीवाल भले ही बार-बार विरोध के स्वर मुखर कर रहे हों, लेकिन इस विरोध के बावजूद एलजी नजीब जंग ने ऊर्जा सचिव शकुंतला गेमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया. वहीं गेमलिन ने भी सीएम की आपत्ति को दरकिनार कर दिया और कार्यभार संभाला. गेमलिन और एलजी के इस कदम से नाराज केजरीवाल ने नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले सचिव ऑनिंदो मजूमदार का आनन-फानन में तबादला कर दिया.

एलजी ने सीएम के कदम को बताया असंवैधानिक
उधर, दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के इस कदम को एलजी ने पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया है. इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह पूरा घटनाक्रम भाजपा की ओर से तख्तापलट की साजिश है. गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल सरकार शुरू से ही गेमलिन पर गंभीर आरोप लगा रही थी. इन गंभीर आरोपों के चलते उनकी नियुक्ति का भाजपा की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा था.

सीएम ने किया ट्विट
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर अपनी भड़ास सोशल मीडिया के जरिए निकाली. उन्होंने ट्विट करते हुए यह सवाल उठाया कि क्या वाकई एक ऐसे व्यक्ति को मुख्य सचिव बनने का हक है, जो बिजली कंपनियों के हमेशा से बेहद करीब रहा हो. पूरे देश में नेताओं, अफसरों व कंपनियों के बीच गठजोड़ है. वह इसे तोड़ना चाहते हैं, इसीलिए पूरा तंत्र इसका विरोध करने में लगा हुआ है.

राष्ट्रपति तक पहुंचे केजरीवाल
कुछ जानकारों की मानें तो सीएम अरविंद केजरीवाल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का मन बना चुके हैं. ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह राष्ट्रपति से मिलकर दिल्ली सरकार व उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर किसी ठोस फैसले की मांग भी कर सकते हैं. गौर करें तो बीते 90 दिनों में दोनों के बीच कई मामलों पर गतिरोध पैदा हुआ है. ऐसे में अब यह भी कहा जा रहा है कि सीएम केजरीवाल को अगर कोई संतोषजनक सुझाव नहीं मिलता है तो इसके बाद वह न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं.

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