आंदोलन तेज करने की रणनीति
नई दिल्ली  (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के तीन मंत्रियों का लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) कार्यालय में विरोध प्रदर्शन जारी है। आज इनके धरने के छह दिन हो गए हैं। खास बात तो यह है कि दिल्ली सीएम सहित इन नेताओं को केंद्र सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने से अब आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने  प्रधान मंत्री के निवास  पर रविवार को आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई है।यहां कल पीएम आवास के सामने धरना देने बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता जुटेंगे।

बीते सोमवार शाम से धरना दे रहे
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय उपराज्यपाल अनिल बैजल के आधिकारिक कार्यालय में बीते सोमवार शाम से धरना दे रहे हैं।इन्होंने सरकार के सामने कुछ खास मांगे रखी हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इन मांगों में एक दिल्ली के आईएएस अधिकारी जो चार माह से हड़ताल पर हैं, उन्हें काम पर लौटने का आदेश दिए जाने के की है। दूसरी, जिन अधिकारियों ने चार माह से काम लटका रखा है, उन पर कार्रवाई की जाने की है। इसके अलावा तीसरी, राशन की घर पर ही डिलीवरी योजना को मंजूरी दे दिए जाने की है।  वहीं धरने पर बैठे इन नेताओं की डाॅक्टर जांच कर रहे हैं।

ब्लड शुगर लेवल कम होता जा रहा

डॉक्टरों के मुताबिक, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का ब्लड शुगर लेवल कम होता जा रहा है। ये दोनों बेमियादी अनशन पर हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने घर-घर जाकर लोगों से जुड़ने का अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। इसके तहत 18 जून से 10 लाख परिवारों के हस्ताक्षर इकट्ठा कर उन्हें प्रधानमंत्री मोदी को भेजा जाएगा। वहीं दिल्ली सीएम  के इस विरोध को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव,  कमल हासन और शत्रुघ्न सिन्हा,  झारखंड मुक्ति मोर्चा और टीडीपी का समर्थन मिला है।

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