दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने सोमवार को अपने हक की एक लड़ाई जीती है. नौकरशाही पर अधिकारों को लेकर चल रही जंग में केंद्र द्वारा राज्य सरकार के पर कतरे जाने के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार के हक में एक अहम फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को दिल्ली पुलिस के कर्मियों को गिरफ्तार करने का अधिकार है. इसी के साथ कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार हेड कांस्टेबल की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया कि उपराज्यपाल दिल्ली की जनता द्वारा सीधे चुनी गई सरकार के मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर काम करने को बाध्य हैं. उनके पक्ष में केंद्र के ‘कार्यकारी आदेश’ ‘संदिग्ध’ हैं. यदि कोई संवैधानिक या कानूनी अड़चन नहीं हो तो उपराज्यपाल को निश्चित तौर पर जनादेश का सम्मान करना चाहिए.

अधिसूचना भी संदेह के घेरे में

गौरतलब है कि 21 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर केंद्रीय कर्मचारियों-अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों के खिलाफ एसीबी द्वारा केस रजिस्टर करने पर रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति विपिन सांघी की पीठ ने इस अधिसूचना को संदिग्ध ठहराते हुए हेड कांस्टेबल अनिल कुमार की यह दलील खारिज कर दी कि गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी डेल्ही (जीएनसीटीडी) की एसीबी को उनके खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा-‘आवेदक दिल्ली पुलिसकर्मी है, जो नेशनल कैपिटल टेरिटरी डेल्ही (एनसीटीडी) के नागरिकों की सेवा करता है. मेरी राय में उसका कामकाज निश्चित तौर पर जीएनसीटीडी के मामलों से जुड़ा है. इसलिए जीएनसीटीडी के एसीबी को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दिल्ली पुलिस के कर्मियों के खिलाफ शिकायतों की जांच और अपराध के लिए अभियोजन का अधिकार है.’ हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई में केंद्र सरकार की सहमति आवश्यक है पर इसकी अनुपस्थिति में भी कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सकता है.

ये है मामला

एसीबी ने गत दो मई को सोनिया विहार पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार किया था. हाई कोर्ट ने 14 मई को भी एसीबी के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाने के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी. केजरीवाल ने भी आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करने वाले एसीबी के अधिकारी के खिलाफ ही अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है. एक स्क्रैप डीलर ने भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन 1033 पर शिकायत की थी कि हेड कांस्टेबल अनिल कुमार उससे 20 हजार रुपये मांग रहा है और नहीं देने पर उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा है.

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