किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बुलाई थी मीटिंग

दिल्ली पुलिस के मुताबिक नीतू दाबोदिया के साथ गैंग का मेंबर आलोक गुप्ता और उसका एक अन्य साथी भी मारे गए हैं. इस पूरे ऑपरेशन में फोर्स का कोई भी जवान जख्मी नहीं हुआ है. यह माना जा रहा है कि स्पेशल सेल को दाबोदिया के अपने साथियों के साथ एरिया में मूवमेंट की जानकारी थी. दाबोदिया ने दिल्ली में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए मीटिंग बुलाई गई थी.

आधा घंटे तक चला एनकाउंटर

पुलिस ने टिप ऑफ मिलने पर गैंगस्टर को ट्रैप करने का प्लान बनाया. एनकाउंटर गुरुवार रात 10.30 बजे के लगभग हुआ. जब डीसीपी संजीव यादव के नेतृत्व में पुलिस ने वसंत कुंज के पास दाबोदिया की कार को रोकने की कोशिश की. दाबोदिया ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. दोनों तरफ से हुई क्रॉस फायरिंग में 30 गोलियां चली. आधे घंटे तक चले इस शूटआउट में नीतू दाबोदिया और उसके दो साथी भी मारे गए. उस पर सात लाख रुपए का इनाम था. उस पर फिरौती, कांट्रैक्ट किलिंग और मर्डर के कई मामले चल रहे थे.

कस्टडी से भागा था

नीतू दाबोदिया अगस्त 2012 में भोंडसी जेल से साकेत कोर्ट लाए जाते समय हरियाणा पुलिस की कस्टडी से भाग निकला था. उस पर पिछले साल हेड कांस्टेबल रामकिशन की हत्या में भी शामिल होने का आरोप था.

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