VARANASI: कैंट स्टेशन वाराणसी से नई दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए करीब 52,680 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये बुलेट ट्रेन लखनऊ होते हुए दिल्ली पहुंचेगी। करीब 800 किसी लम्बे इस रूट पर 250-300 किमी प्रति घंटे से चलने वाली बुलेट ट्रेन महज ढाई घंटे में वाराणसी से नई दिल्ली का सफर पूरा करेगी। इस योजना का अमली जामा पहनाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुका है। इसमें 52,680 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।
थर्ड फेज में कोलकाता तक
बुलेट ट्रेन को तीन फेज में विस्तार दिया जाएगा। फस्र्ट फेज में दिल्ली से वाराणसी तक का कारिडोर का निर्माण होगा। इसके बाद सेकेंड फेज में वाराणसी से पटना तक। थर्ड फेज में पटना से कोलकाता तक कारिडोर निर्माण की योजना है। तीनों फेज पूरा होने पर बुलेट टे्रन दिल्ली से कोलकाता तक दौड़ेगी।
साढ़े पांच घंटे में कोलकाता
प्रोजेक्ट से जुड़े ऑफिसर्स के मुताबिक नई दिल्ली से चली बुलेट ट्रेन तीनों फेज पूरा होने पर साढ़े पांच घंटे में कोलकाता पहुंचा देगी। ये सपने जैसा है लेकिन ये बुलेट ट्रेन की सबसे खास बात होगी। दिल्ली से बनारस तक का सफर ढाई घंटे में, दिल्ली से पटना तक सफर साढ़े तीन घंटे से कम में तथा कोलकाता तक का पूरा सफर साढ़े पांच घंटे में पूरा हो जाएगा। इस दौरान ट्रेन साढ़े पांच घंटे में 1474.5 किमी सफर करेगी। पूरी परियोजना पर कुल खर्च सवा लाख करोड़ रुपये होगा। इस डीपीआर तैयार है।
जा चुकी है प्राइमरी रिपोर्ट
डीपीआर बनाने का काम स्पेन की कंपनी इनको-टिप्सा-आइसीटी पूरा किया है। कंपनी ने डीपीआर रेलवे बोर्ड को सौंप दी है। दो साल की स्टडी के बाद कंपनी ने डीपीआर तैयार किया है। पिछले साल ही हाईस्पीड बुलेट ट्रेन की प्राइमरी रिपोर्ट कंपनी ने हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन और रेलवे बोर्ड को सौंपी थी। जबकि अब फाइनल डीपीआर तैयार हो चुका है।
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अहमदाबाद के बाद सीधे बनारस
देश में सबसे पहली बुलेट ट्रेन मुम्बई से अहमदाबाद तक चलेगी। इसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का नंबर होगा। इस प्रोजेक्ट में दिल्ली से बनारस होते हुए कोलकाता तक को जोडऩे की योजना है।
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मेट्रो के बाद बुलेट की सौगात
यूपी की पिछली सपा सरकार ने वाराणसी में मेट्रो ट्रेन की सौगात दी। हालांकि पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इसके बाद बुलेट की घोषणा कर ध्यान खींचा। डेवलपमेंट के मामले में पीएम अपने क्षेत्र में अखिलेश सरकार से आगे निकलना चाहते हैं। देखना यह है कि बनारस में मेट्रो पहले पहुंचती है या बुलेट ट्रेन।
720 किसी बनने में लगेंगे आठ साल
प्रोजेक्ट पर काम कर रही स्पेन की कंपनी का दावा है कि नई दिल्ली से वाराणसी तक 720 किमी के इंटरनेशनल लेवल के हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण वह 8 साल में पूरा कर लेगी। इस रूट पर तब बिना रुकावट के 300 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन दौड़ेगी।
तीन फेज में होगा प्रोजेक्ट
फर्स्ट फेज:
रूट: दिल्ली से वाराणसी (720 किमी)
प्रस्तावित सफर का समय: 2.37 घंटे
लागत: 52,680 करोड़ रुपये
सेकेंड फेज
रूट: वाराणसी से पटना (228 किमी)
प्रस्तावित सफर का समय: 54 मिनट
लागत: 22,000 करोड़ रुपये
थर्ड फेज
रूट: पटना से कोलकाता (531 किमी)
प्रस्तावित सफर का समय: 1.53 घंटा
खर्च: 46,000 करोड़ रुपये
दिल्ली-कोलकाता बुलेट ट्रेन की खास बातें
4.5 रुपये प्रति किमी की दर से होगा किराया
1980 रुपये होगा दिल्ली से लखनऊ तक किराया
3240 रुपये होगा दिल्ली से वाराणसी तक किराया
6636 रुपये होगा दिल्ली से कोलकाता तक किराया
नई दिल्ली वाराणसी के बीच सिर्फ लखनऊ होगा स्टॉप
लगभग फ्लाइट के खर्च में होगी बुलेट ट्रेन की सवारी
प्रोजेक्ट पूरा होने तक किराये में परिवर्तन संभव
दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास प्रस्तावित है टर्मिनल
स्पेन की कंपनी ने हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट के संबंध में फाइनल डीपीआर सफलतापूर्वक तैयार कर लिया है। अब रेलवे बोर्ड इस पर आगे की चीजें तय करेगा। - नीरज शर्मा, सीपीआरओ, नार्दन रेलवे, नई दिल्ली
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