कई इलाकों में छाई धुंध
आज भी दिल्ली में सुबह से धुंध छाई है. मौसम विज्ञान के वैज्ञानिकों के मुताबिक अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. इसके साथ ही आज पॉल्यूशन लेवल बेहद ज्यादा दर्ज होने की उम्मीद है. तापमान कम होने से एयर क्वॉलिटी में पॉल्यूशन लेवल बढ़ सकता है. पार्टिकुलेट मैटर, पीएम 10 का लेवल 425 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर दर्ज हो सकता है. पीएम 10 हवा में मौजूद धूल के कण होते हैं जिनसे सांस से जुड़ी बीमारी से पीड़ित लोगों को दिक्कतें हो सकती हैं. कल शुक्रवार को मैक्सिमम ह्यूमिडिटी 80 पर्सेंट और न्यूनतम ह्यूमिडिटी 22 पर्सेंट दर्ज हुई.

बरतें विशेष सावधानी:  
सर्दियों का मौसम सेहत बनाने का मौसम होता है तो अस्वस्थ लोगों के लिए सेहत का खयाल रखने का भी मौसम होता है. कई बीमारियां हैं जो इस मौसम में आपके लिए परेशानियां पैदा कर सकती हैं. तो थोड़ी सावधानी बरतकर आप क्यों न रखें अपनी सेहत को दुरुस्त.

बुजुर्ग व बच्चों की देखभाल
ठंडक में नमी के कारण वातावरण में धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है जिससे बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. उनकी कमजोर हड्डियों को दर्द भी सताने लगता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से वे आसानी से वायरस की चपेट में आ जाते हैं. बुजुर्ग और छोटे बच्चों के कमरे बंद और गर्म रखने चाहिए. बुजुर्ग जितना हो सके घर के अंदर ही रहें. सर्दी में सुबह-सुबह टहलने से बचना चाहिए. बच्चों को ठंडी हवा से बचाकर रखना चाहिए. बच्चों को नहलाने के बाद तुरंत गर्म कपड़े पहना दें. सर्दी ज्यादा सिर, कान और पैरों के जरिए शरीर में प्रवेश करती है.

दमा के मरीजों की समस्याएं
दमा के मरीजों को भी सर्दी के मौसम में खास एहतियात बरतने चाहिए. इस मौसम में बढ़ती ठंड की वजह से दमा के दौरे की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे मरीज अपनी दवाएं और इंहेलर हमेशा साथ में रखें. सर्दी का मौसम मधुमेह के मरीजों के लिए खासा परेशानी वाला होता है. गुड़, गजक जैसी मीठी चीजें खाने से इस समय शुगर की परेशानी बढ़ जाती है. सर्दी-खांसी और बुखार के 100 से ज्यादा वायरस इस मौसम में सक्रिय होते हैं. अगर एक बार आपकी नाक या गले से यह संक्रमण शरीर में प्रवेश कर जाए, तो यह लगातार बढ़ता ही रहता है. इसके लक्षणों में गले में खराश, छींक, नाक और आंखों से पानी बहना, शरीर में दर्द, हल्का बुखार, बंद नाक, खांसी आदि  हैं.

खानपान का रखें ध्यान
इस मौसम में बुखार और संक्रमण काफी तेजी से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप पहले से ही एहतियात बरतें. अपने खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसी मौसमी सब्जियों और फलों को जरूर शामिल करें. इनसे आपके शरीर का तापमान भी मौसम के मुताबिक गर्म रहेगा. खुद को संक्रमण से बचाने के लिए एक और बेहतर उपाय है. रोज सुबह एक लौंग खा लें. ऐसे मौसम में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को चुनें, मसाले और अदरक, लहसुन, काली मिर्च, दाल-चीनी, जावित्री, जायफल, केसर, तिल और गुड़ आदि चीजों का भरपूर सेवन करें. तिल शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं, पाचन क्षमता को तेज कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं. गुड़ से पाचन में मदद मिलती है और कफ और जुकाम से सुरक्षा होती है. गुड़ खाएं तो ध्यान दें कि अपने शुगर के यूज को कम कर दें. हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, सरसों, बथुआ, मूली पत्ता का सेवन करें.

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