- पटना नगर निगम क्षेत्र में डीलक्स शौचालय की संख्या- 32

- पटना नगर निगम को हस्तांतरित- 24

- अहस्तांतरित- 8 (कुछ बंद पड़े हैं, तो कुछ को स्वतंत्र एजेंसियां चला रही है)

PATNA : पटना नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक डीलक्स शौचालय की हालत राजधानी में इतनी खराब है कि आप उसका उपयोग नहीं करना चाहेंगे। 'डीलक्स' नाम से संचालित इन शौचालयों में बेहतर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। जब आई नेक्स्ट ने इसका जायजा लिया तो अमूमन सारे शौचालयों की स्थिति एक सी दिखी। वहां के दरवाजे टूटे पड़े हैं। बेसिन में नल टूटा पड़ा है। यूरिनल खराब है। बिजली वाइरिंग उखरी हुई है। और तो और बदबू इतना कि अंदर प्रवेश करना भी मुश्किल। ये हालात हैं राजधानी के प्राइम लोकेशन पर स्थित डीलक्स शौचालयों की। इस बात को खुद नगर निगम भी स्वीकार करता है। उसके बावजूद नगर आयुक्त ने चालू वित्तीय वर्ष में हर अंचल में एक डीलक्स शौचालय निर्माण कराने की बात कही है।

डीलक्स शौचालयों की स्थिति

पटना नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कुल फ्ख् डीलक्स शौचालय हैं। इसमें से वर्ष ख्0क्0 में ख्ब् डीलक्स शौचालय निगम को हस्तांतरित कर दिया गया है और 8 अहस्तांतरित है। ख्ब् हस्तांतरित में से क्म् और 8 अहस्तांतरित डीलक्स शौचालय की बन्दोबस्ती की जा चुकी है। लेकिन आवंटन अनुबंध नहीं किए जाने के कारण न्यायाल में रिट याचिका दायर है। वहीं, क्क् ऐसे डीलक्स शौचालय हैं, जिस पर कोई मामला लंबित नहीं है।

हर अंचल में खुलेगा डीलक्स शौचालय

नगर निगम चालू वित्तीय वर्ष में हर अंचल में एक-एक डीलक्स शौचालय खोलने जा रहा है। नगर आयुक्त जय सिंह ने सभी चारों अंचलों के कार्यपालक अभियंताओं को इसका प्राक्कलन तैयार कर देने को कहा है।

निगम भी मान रहा, स्थिति खराब

खुद पटना नगर निगम इस बात को स्वीकार कर रहा है कि डीलक्स शौचालयों की स्थिति बेहद खराब है। नगर आयुक्त ने जब पिछले साल नवंबर में डीलक्स शौचालय से विभागीय वसूली शुरू करने का आदेश दिया तो इसकी जांच करने पर पता चला कि इन शौचालयों में बिजली, पानी, टंकी, शौचसीट, दरवाजा, शेड आदि या तो क्षतिग्रस्त है, या नहीं है। इस पर निगम के अपर नगर आयुक्त (राजस्व) ने सभी अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारी को तुरंत इन शौचालयों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।

ढाई करोड़ राजस्व की क्षति

पटना नगर निगम द्वारा अनुबंध नहीं किए जाने के कारण ख्,ब्7,ब्8,क्क्9 रुपए की वसूली नहीं हो सकी, जिससे निगम के राजस्व की क्षति हुई। निगम के अपर नगर आयुक्त (राजस्व) ने इसके लिए निगम के मुख्य नगर अभियन्ता को उत्तरादायित्व ठहराते हुए कहा कि आवंटित डीलक्स शौचालय का आवंटी के साथ अनुबंध नहीं होने के कारण इस राशि की क्षति हुई है।

जल्द मामले का निपटारा हो

निगम के अपर नगर आयुक्त (राजस्व) ने क्भ् मार्च को ही निगम के विधि पदाधिकारी को एक पत्र लिखकर कहा है कि डीलक्स शौचालय से संबंधित जो मामले उच्च न्यायालय में चल रहे हैं, उसे जल्द से जल्द सुलझाया जाए। उन्होंने कहा है कि मामला अभी तक लंबित होने के कारण निगम को राजस्व की क्षति हो रही है।

स्थान- इनकम टैक्स के सामने

समय- क्क्.भ्भ् बजे दिन

निर्माण- म् साल पहले

हाल-ए-शौचालय

यूरिनल के पास पानी का ड्रम रखा हुआ था। चार बेसिन में से तीन के नल टूटे पड़े थे। बिजली का वायर उखरा पड़ा था। केयर टेकर का कहना है कि यहां निर्माण काल से ही दीवारों पर सीलन है।

स्थान- बोर्ड ऑफिस के पास

समय- क्ख्.क्0 बजे दोपहर

निर्माण- भ् साल पहले

हाल-ए-शौचालय

पुरुष शौचालय की ओर दुकान का सामान पड़ा हुआ था, तो महिला शौचालय की ओर रहने व सोने का बिस्तर। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह निर्माण के साथ ही बंद पड़ा हुआ है।

स्थान- गांधी मैदान थाना के सामने

समय- क्ख्.फ्भ् बजे दोपहर

निर्माण- भ् साल पहले

हाल-ए-शौचालय

यहां का दरवाजा टूटा हुआ था। नल की व्यवस्था नहीं थी। नहाने के लिए रूम की बजाए खुला स्थान था। केयर टेकर विनोद राम ने बताया कि मैनेजर प्रति दिन 800 रुपए लेते हैं, लेकिन मरम्मत नहीं कराता है। यहां तो लाइन तक नहीं है।

स्थान- कारगिल चौक के पास

समय- क्ख्.भ्भ् बजे दोपहर

निर्माण- म् साल पहले

हाल-ए-शौचालय

महिला शौचालय की ओर से बाएं वाले होटल में अवैध रूप से पानी सप्लाई किया जा रहा था। उसके बदले क्0 रुपए प्रति लिए जाते हैं। यहां भी बिजल कनेक्शन सही नहीं और बेसिनों में नल टूटा पड़ा है।

स्थान- मगध महिला कॉलेज के सामने

समय- क्.क्0 बजे दोपहर

निर्माण- पता नहीं

हाल-ए-शौचालय

मुख्य दरवाजा के साथ-साथ अंदर के शौचालय का दरवाजा भी टूटा पड़ा है। यूरिनल में बर्तन रखे हुए थे। छत से प्लास्टर गायब था। यहां से केयर टेकर भी नदारत दिखे।