-राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने सरकार से की अनुशंसा

-अगले सत्र से विश्वविद्यालय स्तर पर होगी आलिम-फाजिल की परीक्षा

रांची : झारखंड के अल्पसंख्यक भाषा-भाषी विद्यार्थी पांचवीं कक्षा तक अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकेंगे। उन्हें उनकी ही मातृभाषा में किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने सरकार से इसकी अनुशंसा की है। वर्तमान में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में किताबें मुहैया कराई जा रही हैं। बुधवार को आयोग के धुर्वा स्थित कार्यालय में हुई बैठक में अफसरों ने यह जानकारी दी। आयोग के अध्यक्ष मो। कमाल खां ने अल्पसंख्यक बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने पर जोर दिया।

सीबीएसई पैटर्न

मौके पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति कामिनी कौशल ने आयोग को आलिम और फाजिल की परीक्षा के लिए सीबीएसई पैटर्न पर पाठ्यक्रम तैयार कर लिए जाने की जानकारी दी। साथ ही अगले सत्र से विश्वविद्यालय स्तर पर आलिम-फाजिल की परीक्षा लिए जाने का भरोसा आयोग को दिलाया। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष गुरदेव सिंह राजा और अशोक षाड़ंगी के अलावा झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के मुकेश कुमार सिन्हा, जैक के संयुक्त सचिव नवल किशोर, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के उपनिदेशक संजीव चतुर्वेदी, रांची विश्वविद्यालय उर्दू विभाग की सहायक प्राध्यापक शहनाज राना, आयोग के सचिव नेसार अहमद आदि ने शिरकत की।