इसमें सबसे अधिक विरोध झेलना पड़ रहा है पटना यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को। लगातार दो दिनों में पीयू कैंपस में एग्जामिनेशन सेशन होने के बावजूद स्टूडेंट्स के हंगामे का सेंटर रहा है। पहले वीसी से बात करने की कोशिश और फिर बुधवार को पीयू एडमिनिस्ट्रेशन का विरोध। बुधवार को स्टूडेंट्स के विरोध में वीसी प्रो शंभूनाथ सिंह भी घिरे। कहने को तो यूनिवर्सिटीज में चर्चा यह है कि गवर्नमेंट ने निर्देश दिया है तो शीघ्र ही इलेक्शन होंगे, लेकिन स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटीज की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं.

जता चुके हैं नाराजगी
स्टूडेंट यूनियन को लेकर हर छोटे-बड़े स्टूडेंट यूनियन अपने अपने लेवल पर आंदोलन करते रहे हैं। यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के कैंपस के साथ कई बार पब्लिक फोरम पर स्टूडेंट्स ने इलेक्शन की नजरअंदाजी के खिलाफ अपनी नाराजगी बताई है। तीन दशकों बाद इस इश्यू पर चर्चा इसलिए तेज हो सकी, क्योंकि पटना कॉलेज में इसी इश्यू पर आइसा ने सीएम को घेराव कर लिया था। सीएम घिर गये तो मामले में तेजी आई, लेकिन आइसा इस तेजी को मानने के लिए तैयार नहीं है। आइसा के मार्कंडेय पाठक का कहना है कि अगर गवर्नमेंट को सही मायने में कैंपस की डेमोक्रेसी बहाल करनी होती, तो वे डेट्स के साथ लेटर भेजते। लेकिन एजुकेशन मिनिस्टर ने सिर्फ एक लेटर भेजा है, जिसमें इलेक्शन कब हो इसका जिक्र नहीं है.

इच्छाशक्ति पर सवाल
वैसे तो यह पहली बार नहीं है जब स्टेट में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन की बातें शुरू हुई है। हाल के वर्षों में कई बार ऐसे मौके आए हैं, जब इस इश्यू को हवा दिया गया है। लेकिन हर बार मामला यूनिवर्सिटीज तक आते आते फुस्स हो जाता है। इससे पहले भी जब कोर्ट ने इलेक्शन के बारे में अक्षमता जताने के बाद नॉमिनेशन प्रॉसेस लागू करने को कहा, तो हर यूनिवर्सिटी ने नये सेशन से इस प्रॉसेस को लागू करने की बात की, लेकिन जब नया सेशन आया तो किसी यूनिवर्सिटी ने इस प्रोसीजर को फॉलो नहीं किया.

तीन दशकों से डेड इश्यू में कैसे आई तेजी
* स्टेट की यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन 80 के दशक की शुरुआत में ही बंद हो गए। बाद के दिनों में स्टूडेंट्स इस मांग को लेकर आंदोलन करते रहे.
* नीतीश कुमार जब फुलफ्लेज सीएम बने, तो वर्ष 2006 में उन्होंने पीयू कैंपस में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन की बात कही, पर यह वादा अधूरा रहा।
* नौ जनवरी 2012 को पटना कॉलेज के 150वें फाउंडेशन डे पर अर्से बाद सीएम पीयू कैंपस पहुंचे। यहां स्टूडेंट यूनियन के इश्यू पर आइसा ने उन्हें काली पट्टियां दिखाई और विरोध किया.
* सीएम के विरोध के बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट भी तेजी में आया और असेंबली सेशन खत्म होते ही सभी यूनिवर्सिटीज को लेटर भेज कर इलेक्शन कराने की बात कर दी.

स्टूडेंट्स का विरोध
* स्टेट गवर्नमेंट ने जो लेटर यूनिवर्सिटीज को भेजा है, वह पूरी तरह क्लीयर नहीं है और इससे बात वहीं की वहीं रह जाती है।
* स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन यूनिवर्सिटीज की जिम्मेदारी है या स्टेट गवर्नमेंट, इसका फैसला करते हुए डेट्स फाइनल किए जाएं।