--UP गवर्नमेंट ने BSA को जारी किया लेटर

-परिषदीय व माध्यमिक स्कूल्स के बच्चों को टीचर इस खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए करेंगे aware

VARANASI

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर शासन प्रशासन दोनों गंभीर हैं। सिटी के गवर्नमेंट व प्राइवेट हॉस्पिटल्स डेंगू मरीजों से फुल चल रहे हैं। वहीं रोजाना डेंगू के संभावित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि हर रोज नये-नये डेंगू पेशेंट से निबटने में स्वास्थ्य विभाग भी हांफ जा रहा है। डिस्ट्रिक्ट में पिछले एक माह में आधा दर्जन से अधिक लोगों की डेंगू से मौतें भी हो चुकी हैं। इस खौफनाक बीमारी से बचाव के लिए अब परिषदीय व माध्यमिक स्कूल्स के बच्चों को पाठ पढ़ाया जाएगा। यूपी गवर्नमेंट ने सूबे के सभी बीएसए को इसके लिए लेटर जारी किया है।

ब्भ् मिनट देंगे जानकारी

डेंगू रोग कैसे होता है? कैसे यह रोग पनपता है? उसके लक्षण को पहचानना सहित डेंगू से बचाव के लिए क्या करना चाहिए? इस बारे में जानकारिरयां बच्चों को क्लासेज में दी जाएंगी। डेली ब्भ् मिनट क्लासेज में टीचर बच्चों को पाठ पढ़ाएंगे। यही नहीं, बच्चों के लिए बीच बीच में डेंगू से बचाव संबंधी ड्राइंग, राइटिंग सहित तरह-तरह के कॉम्प्टीशंस भी ऑर्गनाइज किये जाएंगे ताकि बच्चे डेंगू के बारे में अच्छी तरह से जान व समझ सकें। कॉम्प्टीशंस में पार्टिसिपेट करने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

एक नजर

-क्0क्फ् प्राथमिक स्कूल

-फ्भ्फ् उच्च प्राथमिक स्कूल

-7भ् अनुदानित जूनियर हाईस्कूल, -क्क्0 डीआईओएस के अधीन विद्यालय

-ख्0 मदरसों के बच्चे

-इन सभी स्कूल्स में क्,क्ब्,क्ब्7 छात्राएं, क्,क्ख्,908 छात्र हैं।

स्वच्छता व बीमारियों से बचाव के लिए पहले भी बच्चों को स्कूल्स में जानकारियां दी जाती रही हैं। अब डेंगू को देखते हुए गवर्नमेंट का ऑर्डर आया हुआ, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू भी करा दिया गया है।

हरिकेश यादव

बीएसए

डेंगू के सामान्य लक्षण

-बुखार आना, शरीर में दर्द और सिर दर्द होना।

-पेट दर्द, उल्टी और भूख न लगना।

-पेट और शरीर में सूजन।

-उल्टी होना या दस्त में खून आना।

-शरीर पर लाल निशान या चकत्ते पड़ना।

-सांस लेने में तकलीफ होना।

जरूरी है बचाव

-अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें, साफ-सुथरी जगह पर मक्खी-मच्छर कम पनपते हैं और बीमारियां कम फैलती हैं।

-कूलर का पानी सप्ताह में जरूर बदल दें।

-नालियों की सफाई कराएं और गड्ढे़ आदि भरवाएं।

-जलनिकासी संभव न हो तो उसमें कीटनाशक दवा या केरोसिन का तेल डालें।

-घर में पड़े बर्तन, मटके, डब्बे, गमले, टायर आदि में पानी एकत्रित न होने दें।

-अधिक मच्छर वाले प्लेसेज पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें।

-सोते समय मच्छरदानी का यूज करें।

-मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

इलाज

-डेंगू फीवर का कोई सुनिश्चित इलाज नहीं है, हालांकि इसका उपचार लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

-बुखार उतारने के लिए पैरासिटामॉल का यूज करें।

-रोगी को ज्यादा मात्रा में पानी, ओआरएस का घोल, नींबू पानी, लस्सी, दूध आदि दें।

-हल्का खाना दें, पीडि़त व्यक्ति को फलों का सेवन ज्यादा करना चाहिए।