Allahabad : मानो या न मानो, ये सच है कि डेंगू ने दस्तक दे दी है. सरकारी आंकड़े चाहे जो भी कहें लेकिन सच्चाई यह है कि शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. रीजन बस इतना है कि मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल्स में अपना ट्रीटमेंट करा रहे हैं, जिसकी जानकारी हेल्थ डिपार्टमेंट को नहीं है. इस बात की पुष्टि ब्लड बैंकों में बढ़ रही प्लेटलेट्स की डिमांड से हो रही है. पिछले एक महीने में यह डिमांड दोगुनी हो चुकी है.
पहले 40 और अब 100 यूनिट per day
एक महीने पहले शहर के एएमए ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की डिमांड 40 यूनिट पर डे थी जो अब बढ़कर सौ यूनिट तक पहुंच चुकी है. इस सीजन में प्लेटलेट्स की डिमांड अचानक बढ़ जाना डेंगू की ओर इशारा करता है. फिजीशियन डॉ. ओपी त्रिपाठी बताते हैं कि डेंगू की वजह से बॉडी में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ जाती है, जिसकी पूर्ति के लिए इसे चढ़ाया जाता है. डेंगू के एक पेशेंट को छह यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है. वहीं एसआरएन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में भी इन दिनों इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है. इसको देखते हुए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने कैरी बैग्स तैयार करने का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को दे दिया है.
सामने आया शहर का पहला patient
जिस बात का डर था वही हुआ. अभी तक मिले डेंगू के दो पेशेंट धीरज और निकहत फातिमा रूरल एरिया प्रतापपुर व धनुपुर के थे. ये तर्क देकर हेल्थ डिपार्टमेंट फूले नहीं समा रहा था लेकिन फ्राइडे को उसका ये भ्रम भी टूट गया. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फ्राइडे को रसूलाबाद के रहने वाले 23 वर्षीय अमित मिश्रा को डेंगू होने की पुष्टि हुई है. उसे इलाज के लिए एसआरएन हॉस्पिटल मे ंएडमिट कराया गया है. इसके बाद ऑफिसर्स के कान खड़े हो गए हैं. उधर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कई पेशेंट ऐसे पहुंचे हैं जिनके लक्षण डेंगू की ओर इशारा कर रहे हैं.
इस मिथ को छोड़ दीजिए
लोगों में मिथ है कि मरीज के ब्लड ग्रुप के डोनर की ही प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है, जबकि ये सही नहीं है. डॉक्टर्स कहते हैं कि किसी भी ब्लड ग्रुप का प्लेटलेट्स किसी भी पेशेंट को दिया जा सकता है. इसके लिए सेम ब्लड ग्रुप का होना जरूरी नहीं है. दरअसल, ब्लड की सभी एंटीबॉडीज प्लाज्मा में होती हैं. इसलिए प्लेटलेट्स दिए जाने के मामले में ब्लड ग्रुप का सेम होना मैटर नहीं करता है. एसआरएन हॉस्पिटल ब्लड बैंक में फिलहाल विदाउट डोनर दो सौ रुपए प्रति यूनिट के चार्ज पर प्लेटलेट्स प्रोवाइड कराई जा रही है. अगर डिमांड बढ़ती है तो फिर पेशेंट को अपने साथ डोनर को भी जाना होगा.
शहर से डेंगू का पहला पेशेंट सामने आने के बाद टीम को एलर्ट कर दिया गया है. रसूलाबाद इलाके में फॉगिंग और लार्वा स्प्रे कराया जा रहा है. अगर किसी प्राइवेट हॉस्पिटल के किसी पेशेंट में डेंगू के लक्षण मिलते हैं तो उसकी जांच लैब में कराई जाएगी. अगर कोई ऐसा केस है तो हमें सूचित किया जाए.
केपी द्विवेदी, डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर
पहले 40 और अब 100 यूनिट per day
एक महीने पहले शहर के एएमए ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की डिमांड 40 यूनिट पर डे थी जो अब बढ़कर सौ यूनिट तक पहुंच चुकी है. इस सीजन में प्लेटलेट्स की डिमांड अचानक बढ़ जाना डेंगू की ओर इशारा करता है. फिजीशियन डॉ. ओपी त्रिपाठी बताते हैं कि डेंगू की वजह से बॉडी में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ जाती है, जिसकी पूर्ति के लिए इसे चढ़ाया जाता है. डेंगू के एक पेशेंट को छह यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है. वहीं एसआरएन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में भी इन दिनों इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है. इसको देखते हुए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने कैरी बैग्स तैयार करने का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को दे दिया है.
सामने आया शहर का पहला patient
जिस बात का डर था वही हुआ. अभी तक मिले डेंगू के दो पेशेंट धीरज और निकहत फातिमा रूरल एरिया प्रतापपुर व धनुपुर के थे. ये तर्क देकर हेल्थ डिपार्टमेंट फूले नहीं समा रहा था लेकिन फ्राइडे को उसका ये भ्रम भी टूट गया. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फ्राइडे को रसूलाबाद के रहने वाले 23 वर्षीय अमित मिश्रा को डेंगू होने की पुष्टि हुई है. उसे इलाज के लिए एसआरएन हॉस्पिटल मे ंएडमिट कराया गया है. इसके बाद ऑफिसर्स के कान खड़े हो गए हैं. उधर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कई पेशेंट ऐसे पहुंचे हैं जिनके लक्षण डेंगू की ओर इशारा कर रहे हैं.
इस मिथ को छोड़ दीजिए
लोगों में मिथ है कि मरीज के ब्लड ग्रुप के डोनर की ही प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है, जबकि ये सही नहीं है. डॉक्टर्स कहते हैं कि किसी भी ब्लड ग्रुप का प्लेटलेट्स किसी भी पेशेंट को दिया जा सकता है. इसके लिए सेम ब्लड ग्रुप का होना जरूरी नहीं है. दरअसल, ब्लड की सभी एंटीबॉडीज प्लाज्मा में होती हैं. इसलिए प्लेटलेट्स दिए जाने के मामले में ब्लड ग्रुप का सेम होना मैटर नहीं करता है. एसआरएन हॉस्पिटल ब्लड बैंक में फिलहाल विदाउट डोनर दो सौ रुपए प्रति यूनिट के चार्ज पर प्लेटलेट्स प्रोवाइड कराई जा रही है. अगर डिमांड बढ़ती है तो फिर पेशेंट को अपने साथ डोनर को भी जाना होगा.
शहर से डेंगू का पहला पेशेंट सामने आने के बाद टीम को एलर्ट कर दिया गया है. रसूलाबाद इलाके में फॉगिंग और लार्वा स्प्रे कराया जा रहा है. अगर किसी प्राइवेट हॉस्पिटल के किसी पेशेंट में डेंगू के लक्षण मिलते हैं तो उसकी जांच लैब में कराई जाएगी. अगर कोई ऐसा केस है तो हमें सूचित किया जाए.
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