- सिर्फ किट जांच के आधार पर प्राइवेट अस्पताल कर रहे इलाज

- निर्देशों के बावजूद नहीं दे रहे स्वास्थ्य विभाग को जानकारी

- किट की जांच से डरे नहीं, एलाइजा टेस्ट भी जरूर कराएं

- सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है नि:शुल्क जांच

LUCKNOW: प्रदेश में प्राइवेट डॉक्टर्स सिर्फ रैपिड टेस्ट किट के आधार पर ही मरीजों को डेंगू के नाम पर भयभीत कर रहे हैं। जबकि ये रैपिड टेस्ट से पॉजिटिव पर जरूरी नहीं कि मरीज को डेंगू हो ही गया हो। डीजी हेल्थ डॉ। सुनील कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि हो सकता है कि मरीज को मलेरिया या वायरल फीवर हो जिसके कारण रिपोर्ट में डेंगू आता है। अगर कोई अस्पताल मरीज को सिर्फ किट के आधार डेंगू बताकर डरा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

नहीं दे रहे रिपोर्ट

शहर के निजी नर्सिग होम्स में धड़ल्ले से डेंगू का इलाज किया जा रहा है। हर बुखार वाले मरीज का डेंगुू का टेस्ट भी कराया जा रहा है, लेकिन मरीजों की जानकारी सीएमओ कार्यालय को नहीं दी जाती। जबकि सख्त निर्देश हैं कि सरकारी हो या प्राइवेट किसी भी चिकित्सालय में कोई भी डेंगू मलेरिया मरीज आता है तो उसकी जानकारी सीएमओ कार्यलय को दी जाए। पिछले हफ्ते ही सीएमओ कार्यालय ने नर्सिग होम्स को इसके लिए निर्देश भी जारी किए लेकिन अब तक किसी प्राइवेट अस्पताल में डेंगू के मरीज नहीं मिले।

इसलिए नहीं मानते डेंगू

डॉ। सुनील कुमार श्रीवास्तव के अनुसार केंद्र सरकार की की गाइडलाइंस के अनुसार मलेरिया या कॉमन इंफ्लूएंजा व कई अन्य बीमारियों के मरीजों में भी किट जांच से डेंगू पॉजिटिव आता है। इसलिए अगर पेशेंट की मौत सिर्फ रैपिड टेस्ट के बाद होती है तो उसे डेंगू नहीं माना जा सकता। क्योंकि हो सकता है वह मलेरिया या अन्य बीमारी से पीडि़त रहा हो। इसलिए ऐसे मरीजों को डेंगू डेथ में नहीं जोड़ा जाता।

सरकारी संस्थानों की रिपोर्ट ही मान्य

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सिर्फ केजीएमयू, एसजीपीजीआई, डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट और स्वास्थ्य भवन स्थित स्टेट लैबोरेटरी में ही एलाइजा की जांच उपलब्ध है। यहीं की रिपोर्ट प्रमाणिक है। अगर किसी मरीज को जांच करानी है तो किसी भी सरकारी अस्पताल में या फिर इन जगहों पर नि:शुल्क जांच करा सकता है।

कूलर बढ़ा रहा बीमारियां,

डॉक्टर्स के अनुसार जिन इलाकों में गंदगी और जलभराव नहीं है वहां से भी मरीज डेंगू जैसी समस्याएं लेकर आ रहे हैं। वहां पर मच्छरों के पनपने का सबसे बड़ा सोर्स घर का कूलर ही है। गर्मी कम होते ही कूलर बंद हैं लेकिन उनका पानी नहीं निकाला जा रहा है। अगर चल रहा है तो भी पानी को बदला नहीं जाता। इसलिए जरूरी है कि हफ्ते में एक बार कूलर का पानी जरूर बदल दें। ताकि मच्छरों को बढ़ने का मौका न मिले।

चिनहट में लगाया कैंप

सीएमओ ऑफिस की ओर से चिनहट के नौबस्ता कला में कैंप लगाकर मरीजों की जांच की और उन्हें दवाएं दी गई। इसके अलावा मोहनलालगंज के बंदनखेड़ा, बिंदौआ, कुरसैनी में भी कैंप लगाकर मरीजों की जांच की गई। सीएमओ की टीम ने मालवीय नगर वार्ड डी, शीतल खेड़ा वार्ड, जवाहर भवन, इंदिरा भवन, लार्वा रोधी का छिड़काव कराया गया।