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JAMSHEDPUR : लौहनगरी में एक साथ डेंगू व चिकनगुनिया के चार मरीज मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. चारों मरीजों का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में चल रहा है. ये मरीज बारीडीह, कदमा, पोटका व सोनारी क्षेत्र के रहने वाले हैं. उस क्षेत्र में विशेष अलर्ट जारी किया गया है. जिला सर्विलांस विभाग ने इन मरीजों का नमूना लेकर जांच के लिए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेजा था. सोमवार को आई रिपोर्ट में तीन को डेंगू व एक मरीज को डेंगू, चिकनगुनिया दोनों होने की पुष्टि हुई है. यह मरीज सोनारी का रहने वाला है.

रांची तक पहुंची सूचना
मरीज मिलने की सूचना रांची तक जा पहुंची. स्टेट एंटोमोलॉजिस्ट सग्या सिंह ने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस से निपटने के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है. एक जुलाई से नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीडीसीपी) व जिला सर्विलांस विभाग मिलकर बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाएगी. इस दौरान जुस्को, मानगो अक्षेस, जुगसलाई अक्षेस, जमशेदपुर अक्षेस की टीम कैंटेनर की जांच करेगी. साथ ही जिन घरों में डेंगू का लार्वा अधिक मिलेगा उन्हें पहली बार नोटिस जारी किया जाएगा. दूसरी बार लार्वा मिलने से 100 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा. इस दौरान घर के आस-पास साफ-सफाई भी देखी जाएगी. पानी का जमाव भी खतरनाक साबित हो सकता है. इधर, मरीजों की सूचना जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. साहिर पॉल व मलेरिया पदाधिकारी डॉ. एके लाल ने सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद को दी. उन्होंने जल्द से जल्द अभियान की शुरुआत करने का निर्देश दिया है. ताकि बीमारी का वायरस फैलने से रोका जा सकें.

डेंगू से निपटने की व्यवस्था नहीं
कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में फिलहाल डेंगू से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. दवाओं की किल्लत तो है ही आइसोलेशन वार्ड भी नहीं बनाया गया है. ऐसे में यदि कोई डेंगू का मरीज मिलता है तो अस्पताल प्रबंधन का हाथ-पांव फूलने लगेगा. इधर, जिला सर्विलांस विभाग ने सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को अलर्ट करते हुए हर संभव तैयारी रखने का निर्देश दिया है.

डेंगू, चिकुनगिया का गढ़ है जमशेदपुर
डेंगू, चिकनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) का गढ़ जमशेदपुर शहर रहा है. बीते साल कुल 1336 मरीजों की जांच की गई थी जिसमें 457 में डेंगू की पुष्टि हुई. दूसरे स्थान पर सरायकेला था. इसका मुख्य कारण है कि यहां पर लोग देश के कई राज्यों से पहुंचते हैं और विभाग की रिपोर्टिग भी बेहतर है. बरसात में डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है और यह साफ पानी में पनपना है. डेंगू व चिकनगुनिया एक ही मच्छर 'एडिज एजिप्टि' से होता है. इसलिए डेंगू के बाद अब चिकनगुनिया बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. चिकनगुनिया का दर्द वर्षो तक नहीं जाता है.