बीमारी मिले मरीज मरने वाले मरीज

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डेंगू 627 100 के पार

चिकनगुनिया 11 01

मलेरिया 971 00

दिवाली बाद सामने आई चिकनगुनिया से मौत, डेंगू भी बेकाबू

लगातार बढ़ रहे मरीज, रोजाना हो रही मौतें, आंकड़ा सौ के पार

ALLAHABAD: दिवाली के बाद मच्छरों से छुटकारा मिलने के कयास झूठे साबित हुए हैं। लोगों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से निजात नहीं मिल रही है। इनके मरीज लगातार बढ़ रहे हैं और डेंगू से होने वाली मौतों का सिलसिला भी जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि इस साल नवंबर में भी मच्छरों से होशियार रहना होगा। मच्छरों पर न तो पटाखों के धुंए का असर हुआ है और न ही घटते तापमान का।

मच्छरों की दादागिरी कायम

इस दिवाली दस करोड़ से अधिक के पटाखे इलाहाबादियों ने फूंक दिए लेकिन मच्छरों की संख्या कम नही हुई। उनकी सेहत जस की तस है। एक्सप‌र्ट्स का कहना था कि पटाखों से निकलने वाली सल्फर डाई आक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन गैसों से मच्छरों का प्रजनन प्रभावित होता है लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ। जिले में डेंगू के लगातार बढ़ते मरीज इसके ताजा उदाहरण हैं।

महंगी पड़ी सरसों के तेल से दूरी

माना जाता है कि दिवाली पर जलाए जाने वाले सरसों के तेल के दीये से निकलने वाला धुआ मच्छरों की संख्या को काबू करता है। लेकिन इस दिवाली लोगों ने चाइनीज झालर पर अधिक भरोसा दिखाया। तीस से चालीस रुपए में बिकी चाइनीज झालर से घर रोशन हुए और 130 रुपए लीटर बिकने वाला सरसों का तेल घर नहीं पहुंच पाया। व्यापारी अशोक जायसवाल का कहना है कि पिछले तीन-चार सालों से दिवाली पर सरसों के तेल की बिक्री का ग्राफ पचास से साठ फीसदी तक गिरा है।

छह सौ का आंकड़ा पार

डेंगू का कहर सिर चढ़कर बोल रहा है। दवा का छिड़काव और फागिंग नहीं होने से इस सीजन में डेंगू के 627 और चिकनगुनिया के 11 मरीज सामने आ चुके हैं। इनके मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले दो दिनों के भीतर ही 58 डेंगू के मरीज ट्रेस किए गए हैं। वही बीमारी से मरने वालों की संख्या सौ से अधिक हो चुकी है। जिले में चिकनगुनिया ने भी एक मरीज की जान ली है।

डेंगू ने ली तीन और की जान

शनिवार को डेंगू पीडि़त बांदा निवासी श्रीकृष्ण (63) व मेजा निवासी मालती देवी (43) की मौत हो गई। इनका इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा था। इसी दौरान एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कमला देवी (63) की शुक्रवार देर रात मौत हो गई। अन्य मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। बेली हॉस्पिटल के फिजीशियन डॉ। आनंद सिंह का कहना है कि तेज बुखार और खांसी की शिकायत होने पर दूसरे व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें। इससे संक्रमण फैलने के चांसेज कम हो जाते हैं।

29 नए मरीज मिले

एमएलएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायलाजी लैब में शनिवार को जांच के लिए कुल सौ सैंपल भेजे गए थे। इसमें से 27 सैंपल पाजिटिव पाए गए हैं। इस तरह अब तक चिंहित हुए डेंगू के मरीजों की संख्या 627 तक पहुंच चुकी है। शहर के हॉसिपटल्स से लगातार सैंपल जांच के लिए लैब भेजे जा रहे हैं।

पुलिस पर भी भारी पड़े मच्छर

मच्छरों का कहर केवल आम जनता पर नही बल्कि पुलिस पर भी भारी पड़ रहा है। दहशत में आए पुलिस महकमे ने पुलिस लाइन और कालोनियों में दवा का छिड़काव और मच्छरदानी के अनिवार्य उपयोग का आदेश जारी किया है। डीजीपी का कहना है कि पुलिसकर्मी मच्छरों के डंक से होशियार रहें। बता दें कि हाल ही में कोतवाली और पुलिस लाइन मिलाकर आधा दर्जन डेंगू के मरीज सामने आने के बाद पुलिस विभाग ने सतर्कता बरतने में भलाई समझी है।

सबके पसीने छुड़ा रहा मलेरिया

डेंगू और चिकनगुनिया के साथ मलेरिया ने भी स्वास्थ्य विभाग की नाक में दम कर दिया है। अक्टूबर माह में जिले में मलेरिया के कुल 971 मरीज सामने आए हैं। बीस हजार से अधिक स्लाइड की जांच जिलेभर में की गई थी। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स और क्लीनिक में मलेरिया के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। शुरुआती लक्षणों को नजर अंदाज करने पर मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ रहा है।

डेंगू के लक्षण

सिर दर्द, बदन दर्द, तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर में चकत्ते, ब्लीडिंग होना, चक्कर आना, कमजोरी

बचाव के तरीके

सुबह-शाम पूरे बदन के कपड़े पहनें

सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें

तेज बुखार आने पर डॉक्टर से संपर्क करें

बुखार उतारने के लिए केवल पैरासिटामाल खाएं, एस्प्रिन का उपयोग न करें

कूलर, गमले, टायर आदि में जमा पानी को हटा दें।

घर के आसपास जमा पानी में जला हुआ मोबिल आयल डाल दें।

इस बार पैरासाइट अधिक है। यही कारण है पटाखों के धुएं का इतना असर नही हुआ। हमारी ओर से दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है। मच्छरों में भी धुएं और दवाओं के प्रति एडॉप्टेशन पहले से अधिक हो गया है। इसलिए उन्हें काबू करना मुश्किल हो रहा है।

-केपी द्विवेदी,

जिला मलेरिया अधिकारी