सीएमओ दफ्तर में पनप रहे डेंगू के डंक

कहीं पानी रुका है तो कहीं फैला हुआ है कूड़ा

-अधिकारियों का दावा, समय-समय पर करते हैं छिड़काव

DEHRADUN : स्वास्थ्य विभाग के कंधे पर बेशक पूरे जिले को डेंगू, स्वाइन फ्लू और अन्य संक्रामक बीमारियों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी हो और इसमें विभाग इस साल अभी तक पिछले सालों के मुकाबले सफल भी रहा हो, लेकिन विभाग के अपने मुख्यालय यानी सीएमओ दफ्तर में डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनपने की पूरी संभावनाएं हैं, हालांकि अधिकारियों का दावा है कि ऑफिस में समय-समय पर सफाई और छिड़काव किया जाता है, जिससे मच्छर पनपने की संभावना नहीं रहती।

गेट पर कूड़े का ढेर

सीएमओ ऑफिस के गेट के पास ही एक कूड़े का ढेर हमेशा लगा रहता है। इस ढेर को कभी-कभार ही साफ किया जाता है और साफ करने के बाद फिर वहां पूरे ऑफिस का कूड़ा जमा हो जाता है। सीएमओ ऑफिस में जाने वालों को इस कूड़े के ढेर के सबसे पहले दर्शन होते हैं।

नालियों में जमा पानी

दफ्तर के भूतल पर एक कई जगह पानी जमा है। जिसमें मच्छरों के पनपने की पूरी संभावना बनी रहती है। एक जगह नाली का मेनहोल है, जिसे सिर्फ लोहे की एक ग्रिल से ढंका गया है। यह मेलहोल दफ्तर में मच्छरों की पैदावार के लिए तो अनुकूल है ही इससे बदबू भी फैली रहती है। इसके साथ ही इस मेन होल से गंदा पानी बाहर फैल जाता है।

फाइलों के अंबार

सीएमओ ऑफिस के भूतल पर ही पीछे की तरफ पुरानी फाइलों और कागजों के अस्त-व्यस्त पड़े ढेर हैं। यहीं पूरे ऑफिस के कूलर आदि भी जमा किये गये हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कूलरों को पानी साफ हटाकर और साफ करके ही कूलर यहां रखे गये हैं, लेकिन बरसात के कारण कई कूलरों में पानी जमा हो गया है, जिसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। फाइलों और पुराने कागजों के ढेर में मच्छरों के प्रजनन के लिए बेहद कारगर साबित हो रहे हैं।

कैंटीन के बाहर कीचड़ और कूड़ा

ऑफिस से एक छोटे से कमरे में कैंटीन भी बनाई गई है। कैंटीन के बाहर एक खुली नाली है, जिसमें बरसात में कीचड़ जमा है। कभी-कभी नालियों से कीचड़ निकालकर वहीं फर्श पर बिखेर दी जाती है। जिससे यहां बदबू फैली रहती है।

फाइलों के लिए जगह नहीं

दफ्तर के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार एक अधिकारी का कहना है कि ऑफिस में समय-समय पर सफाई की जाती है। मच्छर मारने की दवाइयों का नियमित रूप से छिड़काव किया जाता है। पुरानी फाइलें आदि रखने की जगह नहीं है, इसलिए इस तरह से रखी गई हैं।