मरीज कम लेकिन शहर में दहशत ज्यादा
ब्लड बैंक से रोजाना सप्लाई हो रही सौ यूनिट प्लेटलेट्स
मनमानी पर उतरे प्राइवेट हॉस्पिटल्स, बिना प्रॉपर जांच किया जा रहा मरीजों का इलाज
ALLAHABAD: खतरे का अलार्म बज चुका है। बारिश के बाद जगह-जगह हुए जलभराव ने मच्छरों को जन्म देना शुरू कर दिया है। नतीजा सामने है। निजी हॉस्पिटल्स में मरीजों की भीड़ लगने लगी है। लक्षणों को देखकर डॉक्टर डेंगू का इलाज कर रहे हैं। मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही हैं। जिससे दहशत फैलने लगी है। लोगों को जागरुक करने का रोल निभाने वाला स्वास्थ्य विभाग फिलहाल इस सिचुएशन से अनजान है।
सामने आए केवल तीन मरीज
जुलाई महीने में जोरदार बारिश होने के बावजूद अब तक डेंगू के केवल तीन मरीज सामने आये हैं। इनकी पुष्टि एसआरएन हॉस्पिटल में होने वाली एलाइजा जांच में हुई है। बावजूद इसके प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भारी संख्या में मरीजों को डेंगू बताकर इलाज किया जा रहा है। इन मरीजों का एलाइजा टेस्ट न कराकर रैपिड कार्ड टेस्ट कराकर इलाज शुरू करा दिया गया है जोकि अधिकारिक नही है। शासन का सख्त आदेश है कि मरीजों को बिना एलाइजा जांच कराए डेंगू घोषित नही किया जाएगा। रैपिड जांच को शासन ने पूरी तरह से नकार दिया है।
जमकर चढ़ाई जा रही हैं प्लेटलेट्स
स्वास्थ्य विभाग भले ही डेंगू फैलने की बात से इंकार कर रहा हो। लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डेंगू के नाम से मरीजों से अंधाधुंध कमाई शुरू हो चुकी है। एएमए ब्लड बैंक से प्रतिदिन सप्लाई की जाने वाली सौ यूनिट से अधिक प्लेटलेट्स इसकी ओर इशारा कर रही हैं। इसके अलावा बेली, कॉल्विन और एसआरएन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में भी प्रतिदिन दर्जनों प्लेटलेट्स की डिमांड आ रही हैं। यह किन मरीजों को क्यों और किसलिए चढ़ाई जा रही हैं ? यह जानने की इच्छा भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अभी तक जाहिर नही की है।
केवल प्लेटलेट्स कम होना डेंगू नही
अक्सर बॉडी में प्लेटलेट्स कम होने पर मरीज को डेंगू बता दिया जाता है। जबकि असलियत में ऐसा नही है। यह केवल पैनिक करने के लिए होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मलेरिया और अन्य वायरल इंफेक्शन में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। बाद में इनकी संख्या में इम्प्रूवमेंट भी तेजी से होता है। डॉक्टर्स की माने तो बीस हजार से कम प्लेटलेट्स काउंट होने पर ही बाहर से प्लेटलेट्स चढ़वाया जाना चाहिए। डेंगू की जांच भी आफिशियली होनी चाहिए।
ऐसे फैलता है डेंगू
बारिश के मौसम में अधिकतर मामले आते हैं सामने
ठहरे हुए साफ पानी कूलर, टायर, प्लास्टिक के डिब्बे आदि में मच्छर पनपते हैं।
डेंगू का मच्छर दिन के उजाले में काटता है, यह अधिक ऊंचाई तक नही उड़ पाता।
डेंगू के लक्षण
1. डेंगू के लक्षण 3 से 14 दिन बाद दिखते हैं
2. तेज ठंड लगकर बुखार आता है
3. सिर और आंखों में दर्द होता है
4. शरीर और जोड़ों में दर्द में होता है
5. भूख कम लगती है
6. जी मचलाना, उल्टी और दस्त आने लगते हैं
7. चमड़ी के नीचे लाल धब्बे आने शुरु हो जाते हैं
8. गंभीर स्थिति में आंख, नाक से खून आ जाता है
ऐसे होगा बचाव
1. घर के अंदर और आस पड़ोस में पानी जमा न होने दें
2. नीम की पत्तियों का धुआं घर में फैलायें
3. पानी के सभी बर्तन को खुला न रखें
4. किचेन और वाशरूम को सूखा रखें
5. कूलर का पानी सुबह-शाम बदलते रहें
6. खिड़कियों और दरवाज़ों में जाली लगवायें
7. शरीर पर मच्छर को दूर रखने वाली क्रीम लगाएं
8. शरीर पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें
9. सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें
10. घर के आस पास मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करवायें
प्लेटलेट्स कम होने का मतलब डेंगू होना नही होता। इस सीजन में दूसरे वायरल इंफेक्शन से भी इसकी संख्या ब्लड में कम हो जाती है। इसमें इम्प्रूवमेंट भी बहुत जल्दी होता है। बीस हजार से कम होने के बाद ही बाहर से प्लेटलेट्स की डोज लेनी चाहिए।
डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट फिजीशियन
सीजन की शुरुआत में ही सभी निजी हॉस्पिटल को लेटर भेजकर बता दिया गया था कि डेंगू की केवल अधिकारिक जांच ही मान्य होगी। किसी दूसरी जांच के बल पर डेंगू घोषित करना गलत है। ऐसा होने पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। एएन मिश्रा, जिला संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी