कैसे बना डेंगू का हिस्सा?

हर साल बरसात के बाद जगह-जगह पानी जमा होने से कई तरह की डिजीज फैलती हैं। इनमें वायरल, मलेरिया और डेंगू तो सभी जानते हैं। पर इस साल जो बुखार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है वो कुछ अलग तरह का है। इस बुखार में व्यक्ति के प्लेटलेट्स एकदम से कम होना शुरू हो जाते हैं। लेकिन जब जांच कराई जाती है तो डेंगू की पुष्टि नहीं होती है। यही वजह है कि इस बुखार को डॉक्टर्स डेंगू के परिवार का हिस्सा समझ रहे हैं।

बढ़ रहे हैं केसेज

इस बुखार का आतंक इतना है कि लोगों ने जरूरत से ज्यादा प्रिकॉशन लेने शुरू कर दिए हैं। लेकिन इसका आतंक कम नहीं हो रहा है। शहर हो या आसपास के देहात का हिस्सा, हर घर में लोग बीमार हैं। शमसाबाद और फतेहाबाद के आसपास के इलाकों की स्थिति ज्यादा खराब है। अब तक इस बुखार से लगभग 35 मौतें हो चुकी हैं। डॉक्टर्स के पास मरीजों की लाइन लगातार लंबी होती जा रही है। वहीं, पैथोलॉजी लैब्स पर जांच  के लिए आने वाले सैंपल्स की गिनती भी बढ़ती ही जा रही है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स हों या फिर गवर्नमेंट, हर जगह पेशेंट्स की गिनती लगातार बढ़ रही है।

वायरस ने बदल दी फितरत

इस बार के बुखार को आगराइट्स की बॉडी एडॉप्ट नहीं कर पा रही है। बॉडी में इस वायरस को खत्म करने के लिए एंटी-बॉडीज ही डेवलप नहीं हो रहे हैं इसीलिए यह बुखार तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। ज्यादातर बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस बुखार में एक तय समय के बाद प्लेटलेट्स कम होना शुरू हो जाते हैं।

डॉक्टर्स हैं अब तक कंफ्यूज

बुखार की बदलती सूरत ने डॉक्टर्स को भी पशोपेश में डाल दिया है। वे इसके ट्रीटमेंट को लेकर परेशान हैं। अगर सिंपल फीवर की तरह इसे ट्रीट करते हैं तो दस दिन के बाद प्लेटलेट्स कम होने शुरू हो जाते हैं और शुरुआत से ही डेंगू का उपचार दिया नहीं जा सकता है। इस बारे में जब फिजीशियन डॉ। सुनील बंसल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह बुखार डेंगू फैमिली का ही सदस्य है। हर दो से तीन सालों बाद वायरस अपना नेचर बदल कर अटैक करता है। ईयर 2010 के बाद इस साल फिर से इस वायरस ने अपना नेचर बदल कर लोगों को निशाना बनाया है। अगले साल तक इस बुखार से लडऩे के लिए अपने आप एंटीबॉडीज बनने लगेंगी तो बुखार इतना परेशान नहीं करेगा।

क्या हैं इस बुखार की वजह?

- मौसम में हो रहे लगातार चेंज से यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

- बरसात के बाद वॉटर लॉगिंग होने से मच्छर पनपते हैैं और यह वायरस फैलता है।

- लोग गर्मी से घर में आकर ठंडा पानी पी लेते हैं और अपने शरीर को लेकर लापरवाही कर जाते हैं। साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं।

- इस उमस भरे मौसम में यह वायरस ज्यादा एक्टिव हो जाता है।

- बाहर का खुला और तला-भुना खाना भी इस समय इस बुखार को न्यौता देने के लिए काफी है।

 डॉ। आरके दीक्षित, डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर

इस बुखार को रोकने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से पीएचसी पर हेल्थ कैंप्स लगाए जा रहे हैं। हर रोज 100 हेल्थ कैंप्स लगाने के निर्देश हमें मिले हैं। लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना हमारी प्राथमिकता है। जनता घबराए नहीं। यह महामारी नहीं बल्कि एक बीमारी है, जिसे हम जल्द से जल्द दूर करेंगे।

डेंगू के लिए होंगे पैैक तैयार

आगरा। लोकहितम ब्लड बैंक द्वारा डेंगू से कम होने वाले प्लेटलेट्स के लिए जंबो पैक तैयार करने वाली मशीन एफरेशिश का लोकार्पण फ्राइडे को किया जा रहा है। इस मशीन का लोकार्पण सुबोध चंद्र गर्ग करेंगे। यह जानकारी ब्लड बैैंक के डायरेक्टर राकेश जैन ने दी.