PATNA : देश के कई राज्यों में डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है। बिहार भी इसमें शामिल है। वर्ष ख्0क्म् में अब तक ब्0 से अधिक मामले आए हैं। सावधानी और समय से इलाज के कारण जान तो बच गई लेकिन शरीर टूट गई है। तेजी से बढ़ते डेंगू के डंक से बचाव का एक मात्र उपाय सावधानी है। डॉक्टर भी लोगों को साफ सफाई का टिप्स दे रहे हैं। राजधानी के डॉक्टरों से बातचीत कर हम आपको बता रहे कि डेंगू कितना खतरनाक है और इससे बचने का क्या उपाय है।

वायरल है बीमारी

डेंगू के मच्छरों का लारवा अन्य मच्छरों की तरह गंदे पानी के बजाउ साफ पानी में होता है। डेंगू एक वायरस से होने वाली बीमारी है जिसका संक्त्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है। ये साफ पानी में रहते हैं इसलिए बरसात में गमलों, कूलरों, टायर आदि में जमा पानी में इनके होने की आशंका होती है। हर साल दुनिया में लगभग क्0 करोड़ लोग डेंगू के शिकार होते हैं। भारत में भी हर साल सैकड़ों लोगों की मौत डेंगू से होती है।

इस पर दें ध्यान

डेंगू से बचने के लिए मादा एडीज इजिप्टी मच्छर से बचना होगा।

डेंगू के मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं।

ये ज्यादातर शरीर पर घुटने के ऊपर हमला करते हैं।

ये दिन में ज्यादा सक्त्रिय होते है।

ये मच्छर ज्यादा ऊपर तक नहीं उड़ पाते हैं।

ठंडे और छाव वाले स्थानों पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं।

पदरें के पीछे या अँधेरे वाली जगह पर रहते हैं।

पानी सुख जाने के बाद भी इनके अंडे क्ख् महीनो तक जीवित रह सकते हैं।

ये है डेंगू के लक्षण

इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर के उभरे चकत्तों से खून रिसता हैं।

ठंड लगती है और तेज बुखार भी हो जाता है।

शरीर पर लाल चकते भी बन जाते हैं।

लाल चकत्ते सबसे पहले पैरों पे फिर छाती पर तथा कभी कभी सारे शरीर पर फैल जाते हैं।

पेट खराब के साथ दर्द, दस्त लगना, ?लेडर की समस्या, लगातर चक्कर आना, भूख ना लगना।

रक्त मे प्लेटलेटस की संख्या कम हो जाना और न?ज का दबाव कम होना।

लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, भूख न लगना।

खूनी द्स्त लगना और खून की उल्टी आना।

जब डेंगू हैमरेज च्वर होता है तो बुखार बहुत तेज हो जाता है।

रक्तस्त्राव शुरू हो जाता है, रक्त की कमी हो जाती है, थ्रोम्बोसाटोपेनिया हो जाता है, कुछ मामलों में तो मृत्यु भी हो जाती है।

ये है बचाव के उपाय

किसी भी खुली जगह में जैसे की गड्डो में, गमले में या कचरे में पानी जमा न होने दें। अगर पानी जमा है तो उसमे मिटटी डाल दें।

खिड़की और दरवाजे में जाली लगाकर रखें, शाम होने से पहले दरवाजे बंद कर दें।

ऐसे कपडे़ पहने जो पुरे शरीर को ढक सके। रात को सोते वक्त मच्छरदानी लगाकर सोएं।

अन्य मच्छर विरोधी उपकरणों का इस्तेमाल करें।

जहां पानी जमा हो वहां केरोसिन तेल डाल दें और रोज घर में कीटनाषक का छिडकाव करें।

यदि कूलर का काम न हो तो उसे सूखा कर रखें वरना उसका पानी रोज बदलते रहें।

घर के आस-पास पानी जमा न होने दें गंदगी ना फैलने दें।

खान पान पर दें विशेष ध्यान

डेंगू वायरस के सक्रिय होने की जानकारी शुरू में ही पता चल जाए तो अच्छी डायट लेकर इससे लड़ा जा सकता है। समय से उपचार और डायट से मरीज को राहत मिलती है। डेंगू के दौरान ?लड प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगते हैं। ऐसे में सही डायट ना ली जाएं तो मरीज की जान तक को खतरा हो सकता है। इसीलिए डायट में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ें.प्लेटलेट्स बढ़ाने और डेंगू से उबरने के लिए ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो उपयोगी हैं। डॉक्टर्स एवं डायटीशियन के मुताबिक, खाना ऐसा खाना चाहिए जो आसानी से पच जाए, हरी सब्जियां, फल जैसे केला और सेब, सूप आदि का सेवन करना चाहिए।

इन दिनों डेंगू का प्रकोप है। इससे बचाव के लिए सावधानी आवश्यक है। लापरवाही से ये गंभीर रूप ले सकता है और मरीज की जान भी जा सकती है। इसलिए उपचार के साथ डायट भी जरुरी है।

- सुधाकर मिश्रा, न्युट्रिशनिस्ट एंड डाइटिशीयन

डेंगू के लगभग ब्0 केस पाए गए हैं। समय से उपचार के कारण उन्हें खतरे से बाहर किया गया है। हर स्तर से तैयारी है और दवाएं उपलब्ध हैं। बस लोगों को साफ सफाई के साथ सावधानी बरतने की जरुरत है।

- डॉ गिरेंद्र शेखर सिंह, सिविल सर्जन पटना

क्षेत्र में मच्छर का प्रकोप अधिक है लेकिन नगरीय प्रशासन गंभीर नहीं है। कहीं भी आस पास के क्षेत्र में दवा का छिड़काव नहीं हो हुआ है जिससे संक्रमण का खतरा है। काफी हंगामा मचाने पर एक बार फागिंग तो की गई लेकिन गंदगी के हिसाब से वह ना काफी है।

- अनूप नरायन सिंह, गर्दनीबाग

कई माह से क्षेत्र में दवा का छिड़काव और फागिंग नहीं कराया गया है। गंदगी का आलम ये है कि हर वक्त संक्रमण का खतरा बना रहा है। प्रशासन ध्यान ही नहीं देता। नगर निगम लोगों की सेहत को लेकर गंभीर नहीं है।

- सुनील तिवारी, केसरी नगर

आस पास के क्षेत्र में दवा के छिड़काव को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। डेंगू मलेरिया और अन्य बीमारियों का सीजन चल रहा है लेकिन नगर निगम प्रशासन गंभीर नहीं है। कई बार मांग की गई लेकिन न तो दवा का छिड़काव कराया गया और न ही फागिंग हुई।

- संगीता रॉय, गर्दनीबाग

न तो दवा का छिड़काव कराया गया है और न ही फागिग कराया गया है। इससे हमेशा संक्रमण का खतरा बना है। कई बार नगर निगम प्रशासन से मांग की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे संक्रमण बढ़ रहा है।

- धीरज कुमार, बुद्धा कॉलोनी