-तेज बारिश के बाद कड़ाके की सर्दी से स्वाइन फ्लू की आशंका

- सर्दियों में बढ़ सकता है डेंगू का भी कहर

-माइश्चर मिलने से जिंदा हो सकता है एडीज मच्छर का लार्वा

Meerut। सर्दी में एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू की रोकथाम में जुटा है, वहीं शुक्रवार रात हुई तेज बारिश ने स्वाइन फ्लू के साथ डेंगू का भी खतरा बढ़ा दिया। हालांकि सर्दी के मौसम में विभाग स्वाइन फ्लू को लेकर सचेत हो जाता है, लेकिन इस बार बारिश का बड़ा असर डेंगू पर भी पड़ने की आशंका है। विभाग का मानना है कि बारिश या सर्दी में माइश्चर मिलने से स्लीपिंग मोड में गया एडीज मच्छर का लार्वा दोबारा सिर उठा सकता है।

क्या है मामला

डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है। हालांकि गर्मियों में लोगों को अपना शिकार बनाने वाला यह मच्छर सर्दी आते-आते खत्म हो जाता है। लेकिन इस बार डेंगू का असर सर्दियों में भी दिखाई दे रहा है। डॉक्टर्स के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण एडीज मच्छर के लार्वा का पूरी तहर से खत्म न होना है। असल में डेंगू का लार्वा कभी भी पूरी तरह से नहीं मरता। पानी के सूखने या खत्म होने पर यह लार्वा स्लीपिंग मोड में चला जाता है। जो पानी या नमी मिलने पर दोबारा सिर उठा सकता है।

बारिश बिगाड़ सकती है खेल

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अचानक हुई तेज बारिश कई मायनों में नुकसानदेह साबित हो सकती है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। योगेश सारस्वत ने बताया कि पानी की पहुंच एडीज के लार्वा का दोबारा पनपने का मौका दे सकती है। उन्होंने बताया कि स्लीपिंग मोड में गया एडीज का लार्वा नमी या पानी मिलने से दोबारा जिंदा हो जाता है। ऐसे में यदि अचानक हुई तेज बारिश डेंगू को हवा दे सकती है।

स्वाइन फ्लू का खतरा

उधर, बारिश के बाद बढ़ने वाली सर्दी को भी डॉक्टर्स खतरा मानकर चल रहे हैं। डॉक्टर्स के अनुसार सर्दी बढ़ने से एच 1 एन 1 वायरस फैलने की आशंका रहती है। शुरुआत में सामान्य जुकाम की तरह लगने वाला यह वायरस स्वाइन फ्लू का रूप धारण कर लेता है।

वर्जन

बारिश में पानी के जमाव व नमी के कारण एडीज का लार्वा के जिंदा होने की संभावना रहती है। एडीज का लार्वा कभी पूर्ण रूप से खत्म नहीं होता, बल्कि यह स्लीपिंग मोड में चला जाता है।

-डॉ। योगेश सारस्वत, डीएमओ मेरठ

हालांकि अभी तक स्वाइन फ्लू का एक भी केस सामने नहीं आया है। लेकिन सर्दी बढ़ने से इसका खतरा बढ़ जाता है। शिकायत मिलने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें।

-डॉ। वीरोत्तम तोमर, अध्यक्ष आईएमए मेरठ