जिला अस्पताल में अभी तक नहीं बनाया गया डेंगू वार्ड
विभागीय अधिकारियों के अनुसार अभी तक नहीं आया कोई मरीज
Meerut: पिछले साल जुलाई -अगस्त माह में डेंगू ने सरकारी विभाग को खूब छकाया था। डेंगू के चलते पिछले वर्ष दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी। जिसके चलते सीएमओ सहित अन्य आलाधिकारियों से डीएम ने रिपोर्ट भी तलब की थी। बावजूद इसकेसरकारी अस्पतालों ने अभी तक कोई सबक नहीं लिया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि जब तक कोई डेंगू का मरीज नहीं आएगा, तो वार्ड कैसे बनाया जाएगा?
क्या है डेंगू
डेंगू मच्छर से काटने वाला बुखार है। डेंगू एडीज के काटने से फैलता है। डेंगू और मलेरिया, इन दोनों ही वायरल के सिम्टम्स एक जैसे ही हैं। मगर दोनों बुखार का फीवर पैटर्न अलग है।
ऐसे पनपता है लार्वा
डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। यह समय डेंगू के लार्वा पनपने का मुफीद माना जाता है। क्योंकि इस समय बारिश का पानी जगह-जगह भरा रहता है। इसी पानी में डेंगू का लार्वा पनप जाता है। अधिकांश मामलों में डेंगू पीडि़त के घर के गमलों, कूलर, एसी की टंकी के नीचे पनपता है।
विशेषज्ञ डॉ एसके वर्मा के अनुसार
डेंगू के लक्षण
-अचानक तेज बुखार आना
-लंबे समय तक बुखार रहना (करीब सात दिन)।
-सिर दर्द।
-मसल्स व बॉडी पेन।
-हाथ-पैरों में रैशेज पड़ना।
-जी मचलाना, उल्टी आना।
-भूख न लगना।
- आंखों में दर्द रहना।
-ये बुखार 39.5 -41.4 सेल्सियस 103.1-106.52 फॉरेनहाइट तक रहता है।
उपचार
डेंगू को इम्यून केमिकल इंवेस्टिगेशन से डिटेक्ट किया जाता है। डेंगू के लिए कोई खास दवा नहीं बनी है। इसका इलाज फ्लूड रिससिटेट और ब्लड ट्रांसफ्यूजन है।
बुखार से रोकथाम
-कटे व खुले फलों से परहेज करें।
-जिन खाने की चीजों पर मक्खी बैठ जाए, उन्हें न खाएं।
-जो लोग पहले से ही वायरल फीवर से ग्रस्त हैं, उनकी छींकों से स्वस्थ लोगों को बचना चाहिए।
-कूडे-कचरे को खुला न छोड़ें।
-कमरे हवादार और साफ होने चाहिए।
-भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
-घर के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें।
-पार्क या ग्राउंड में पानी भरा है तो उसमें मिट्टी का तेल डाल दें ताकि वहां मच्छर न पनप सकें।
-इस बात का हमेशा ध्यान दें कि हर बुखार में ब्लड प्लेटलेट्स काउंट कम होते हों मगर डेंगू में ये तेजी से और ज्यादा तादात में कम होते हैं।
वर्जन
अभी अस्पताल में कांवड वार्ड बनाया गया है। डेंगू वार्ड जब बनाया जाता है, जब कोई डेंगू का मरीज भर्ती हो, अभी इसके लिए कोई आदेश नहीं आए हैं।
डॉ। सुनील कुमार गुप्ता, कार्यवाहक सीएमएस जिला अस्पताल
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