दिन में ही इसका अटैक

डेंगू वायरल फीवर है, जो कि फीमेल एडीज मच्छर के काटने से तेजी से फैलता है। नॉमर्ली एडीज मच्छर रात के बजाए दिन के उजाले में टॉरगेट करते हैं। इनका ठिकाना गंदे पानी और नालों के बजाए साफ ठहरा पानी है। घरों में कूलर, गमलों, टायरों और टूटे सामानों में इकट्ठा होने वाला बारिश का पानी ही इनके फेवरेट प्लेस हैं। निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आर एन गिरी ने इस मच्छर को बेहद सोफेस्टिकेटेड बताते हुए कहा कि घरों के साफ ठहरे पानी में इसके लार्वापनपते हैं। ऐसे में सिटी में होने वाली फॉगिंग और गंदे पानी में एंटी लार्वा के छिड़काव से ये पूरी तरह बेअसर है।

पर fogging भी सुस्त

सिटी में डेंगू की आहट अगस्त मंथ में ही शुरू हो चुकी थी। लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट और सीएमओ ऑफिस की तरह ही नगर निगम भी पूरी तरह बेपरवाह रहा। आईनेक्स्ट ने भी 9 अगस्त के इश्यू में जिम्मेदारों का इस खतरे की ओर ध्यान खींचा था। तब निगम के अधिकारियों ने जल्द सिटी में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करने की बात कही थी। लेकिन ये वादे खोखले दावे ही साबित हुए। जिन एरियाज में फॉगिंग की डिमांड की गई वहां भी जिम्मेदारों की ओर से खानापूर्ति कर काम चलाया गया। कटघर हुसैन बाग के पूर्व पार्षद नूरूद्दीन अपने एरिया में फॉगिंग कराने को लेकर मंडे को निगम में आए। बीते डेढ़ महीने में उनके एरिया में फॉगिंग नहीं हुई थी।

11 से fogging की तैयारी

नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ। आर एन गिरी ने बताया कि सिटी में मंडे से फॉगिंग और एंटी लार्वा अभियान शुरू कर दिया गया है। 9 और 10 को सिटी में ऑन डिमांड फॉगिंग की स्टार्ट कर दी गई है। वहीं 11 से पूरे शहर में फॉगिंग शुरू की जाएगी। निगम के पास 16 में से 9 फॉगिंग मशीनें कंडम हालत में है। निगम ने 2013-14 के लिए 13वें फाइनेंस कमीशन में से कुल 15 लाख रुपए की लागत से दो मीडियम साइज फॉगिंग मशीनें खरीदी हैं। जिन्हें 11 सितंबर से अभियान में लगाया जाएगा। फिलहाल डेंगू से जूझ रहे कूंचा सीताराम, बिहारीपुर, मलूकपुर और वमनपुरी एरियाज में फॉगिंग अभियान पहले शुरू होगा।