-निजी पैथोलॉजी जांच के बाद सरकारी हॉस्पिटल जांच में भी पाजिटिव

-चंडीगढ़ में बुखार होने पर बरेली आकर कराई जांच

<द्गठ्ठद्द>क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ<द्गठ्ठद्दद्गठ्ठस्त्र> :

प्लाजमोडियम फॉल्सीपेरम मलेरिया पर अब तक स्वास्थ्य विभाग काबू नहीं कर सका है और अब डेंगू का कहर भी शुरू हो गया है। पिछले दिनों एसआरएमएस में डेंगू के 14 मरीजों को एडमिट किया गया था, जिसमें ज्यादातर मरीज उत्तराखंड के थे। अब एक और डेंगू पॉजिटिव मरीज सैटरडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मिला है। मरीज का इलाज स्पेशल वार्ड में चल रहा था। डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर उसकी जांच कराई तो रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई। जिसके बाद डॉक्टर्स ने उसे डेंगू वार्ड में शिफ्ट कर दिया है।

एक अक्टूबर को आया था बुखार

मीरगंज के सिंधौली निवासी 26 वर्षीय युवक ने बताया कि वह चंडीगढ़ में पेंट का काम करता है। उसे 1 अक्टूबर को वहीं बुखार आया था। दवा ली लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, जिसके बाद वह 3 अक्टूबर को बरेली आया और शहर के निजी पैथोलॉजी पर जांच कराई जहां पर उसे डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट मिली। डॉक्टर्स ने एडमिट कराने की सलाह दी। जिसके बाद उसे डिस्ट्रिक्ट महिला हॉस्पिटल के फ‌र्स्ट फ्लोर पर बने बुखार के स्पेशल वार्ड में एडमिट करा दिया, लेकिन हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने भी उसका एलाइजा आदि जांचें कराई तो उसकी प्लेटलेट्स 41 हजार आई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इलाज कर रहे डॉक्टर ने उसे डेंगू वार्ड में शिफ्ट कर दिया। जहां पर उसे बेड नम्बर एक पर एडमिट किया गया है।

डेन-2 का है पॉजिटिव

हॉस्पिटल में एडमिट मरीज की जांच रिपोर्ट डेन-2 पॉजिटिव आई है। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज का इलाज चल रहा है लेकिन यह डेन-2 अधिक खतरनाक नहीं होता है। समय से इलाज लेने से मरीज जल्दी ही स्वस्थ्य हो जाता है। मरीज को मच्छरदानी में रखा गया है।

डेंगू वायरस के प्रकार

डेंगू एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है, इसमें कई बार शरीर में चकत्ते पड़ने लगते हैं। डेंगू वायरस चार अलग-अलग प्रकार के होते हैं। डेंगू आमतौर पर डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 सरोटाइप का होता है। 1 और 3 सरोटाइप के मुकाबले 2 और 4 सेरोटाइप कम खतरनाक होता है। टाइप 4 डेंगू के लक्षणों में शॉक के साथ बुखार और प्लेट्लेट्स में कमी, जबकि टाइप 2 में प्लेट्लेट्स में तीव्र कमी, बुखार, अंगों में शिथिलता और डेंगू शॉक सिंड्रोम प्रमुख लक्षण हैं। डेन 2 के वायरस से गंभीर डेंगू होने का खतरा रहता है।